Assam Land Law: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार चुनिंदा राजस्व क्षेत्रों में केवल उन लोगों के बीच भूमि सौदे की अनुमति देने के लिए एक कानून पर काम कर रही है जो कम से कम 1951 से राज्य के निवासी हैं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी लोगों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी रक्षा करने के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं और मौजूदा अधिनियमों में संशोधन किए जा रहे हैं, साथ ही भूमिहीन, पात्र निवासियों को निपटान अधिकार भी दिए जा रहे हैं.
बता दें कि सीएम सरमा रविवार को असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की नागरिक-केंद्रित सेवा, ई-चिथा भूमि मूल्यांकन प्रमाणन पोर्टल के लॉन्च पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "एक महत्वपूर्ण बात जो हम करना चाहते हैं वह कुछ राजस्व मंडलों की पहचान करना है जहां 1951 में रहने वाले लोग जमीन की बिक्री और खरीद कर सकते हैं, जिनके परिवारों के नाम 1951 की मतदाता सूची या एनआरसी में शामिल हैं. यह एक साहसिक कानून है जिसे हम मार्च में लाएंगे."
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उन्होंने कहा कि अविभाजित गोलपारा जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मामले में केवल एक ही श्रेणी के भीतर भूमि सौदे की अनुमति देने वाले समान कानून भी उनकी सरकार द्वारा लाए जाएंगे. अविभाजित गोलपारा जिले में वर्तमान गोलपारा, धुबरी, बोंगाईगांव, कोकराझार और दक्षिण सलमारा-मनकाचर जिले शामिल थे. उन्होंने कहा, "मिशन बसुंधरा कार्यान्वयन के दौरान ऐसे कई कानून लाए जाएंगे. राजस्व अधिकारियों को हमारी सरकार की भावना को समझना चाहिए. अगर हम आज अपनी 'जाति' (समुदाय) की रक्षा नहीं कर सकते हैं, तो हम भविष्य में कभी ऐसा नहीं कर सकते."
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सीएम सरमा ने कहा कि, "हम एक महत्वपूर्ण समय में सरकार में काम कर रहे हैं. हमारा काम साबित करेगा कि हम एक 'जाति' के रूप में जीवित रह सकते हैं या नहीं." उन्होंने कहा कि मुख्य कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून भी लाएगी. पहले से किए गए संशोधनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले विधानसभा सत्र में, हमने मौजूदा अधिनियम में एक नया अध्याय 12 जोड़ा है, जो 'प्रतिष्ठित संरचनाओं' के 5 किलोमीटर के दायरे में केवल वहां रहने वाले लोगों को भूमि की बिक्री की अनुमति देता है."
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