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Assam Flood: बाढ़ से मची तबाही.. PM मोदी ने जताई चिंता, CM सरमा से की बात

पूर्वोत्तर राज्य असल में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की है.

Updated on: 01 Jul 2024, 04:41 PM

नई दिल्ली:

Flood in Assam: पूर्वोत्तर राज्य असल में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की है. पीएम मोदी ने वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए, केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. दूसरी ओर सीएम सरमा ने बताया कि, उन्होंने राज्य की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर और चल रहे राहत उपायों के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी है. साथ ही प्रधानमंत्री ने उन्होंने संकट की इस घड़ी में भारत सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. 

 हिमंत सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी ने थोड़ी देर पहले असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए उन्हें फोन किया. सीएम सरमा ने उन्हें बताया कि, अरुणाचल प्रदेश और ऊपरी असम जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण असम इस साल दूसरी बार बाढ़ की चपेट में है. सीएम सरमा ने पीएम मोदी को राज्य सरकार द्वारा किए गए राहत उपायों के बारे में भी जानकारी दी है. पीएम मोदी ने संकट की इस घड़ी में भारत सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है. 

गौरतलब है कि, असम के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है और ब्रह्मपुत्र नदी समेत पांच प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र गुवाहाटी द्वारा अपने एक्स अकाउंट पर असम के लिए जिला स्तरीय मौसम चेतावनी जारी की है. 

वहीं केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और राज्य के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में असम के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है. सोनोवाल ने सरमा से बाढ़ पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का भी अनुरोध किया है. 

मालूम हो कि, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एडीएमए) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस साल बाढ़, तूफान और भूस्खलन के कारण 2,62,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 44 लोगों की मौत हो गई है. असम में, कम से कम 671 गांव और 36 राजस्व मंडल प्रभावित हैं और NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है.