assam floods: स्कूल डूबे, क्रेशर डूबे, खेतों में सिर्फ पानी ही पानी, असम के सिलचर के सबसे बड़ा गांव सिलचापारा की ये तस्वीरें गवाही दे रही हैं की बर्बादी का मंजर क्या रहा होगा. न्यूज़ नेशन ने यहां सिलचापारा जाकर देखा तो बच्चों के स्कूलों में पानी भरा है अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा सिर्फ नाव ही सहारा है अगर नाव नहीं आई तो घंटो तक घर जाने का इंतज़ार करना पड़ता है. लोगों ने कहा कि बाढ़ आई तो गले तक पानी ही पानी था.
ट्रेनें शुरू तो हुई लेकिन अभी भी कई जगहों पर ब्लॉकेज है जिसकी वजह से ट्रेनों से भी अभी ज़्यादा आवाजाही नहीं हो पा रही है. यही नहीं शहरों में अभी भी मुसबीत कम नहीं हुई लोगों के लिए दो वक्त की रोटी और पानी जुटाना एक बड़ी परेशानी है. पढ़ने लिखने वाले बच्चों के लिए तो और दिक्कतें हैं. तो आखिर ये बाढ़ आती क्यों है? ये सवाल हज़ारों लाखों लोगों के मन में हैं और हर साल आना, क्या इसे रोकने का उपाय नहीं.असम में बाढ़ आने की सबसे बड़ी वजह यहां मिट्टी के बने बांध हैं जो आसानी से तेज़ बहाव में बह जाते हैं या फिर ऐसे बांध को आसानी से काटा जा सकता है जिससे तबाही आती है.
असम में बक्के बांध न के बराबर हैं जो इस बाढ़ की सबसे बड़ी वजह है. असम में अभी तक 159 लोगों ने अपनी जान गवां दी है करीब 35 लाख लोग अभी भी प्रभावित हैं बहुत ऐसे भी हैं जिनका पता तक नहीं चला. इस त्रासदी को रोकना है तो असम के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की ज़रूरत है नहीं तो ऐसे ही बाढ़ असम के लोगों के लिए विनाश लाती रहेगी.
Source : Sayyed Aamir Husain