Bahraich Wolf Attack: बहराइच में इनदिनों आदमखोर भेड़िया का आतंक फैला हुआ है. इस बीच मंगलवार सुबह वन विभाग की टीम ने एक और भेड़िये को पकड़ लिया. वन विभाग की टीम अब बाकी बचे एक और भेड़िये को पकड़ने की कोशिश कर रही है. वहीं दूसरी ओर भेड़िये के पिंजरे में कैद होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. बता दें कि इससे पहले वन विभाग की टीम दो मादा और दो नर भेड़ियों को पकड़ चुके हैं. इस तरह से अब तक कुल पांच भेड़िये पकड़े जा चुके हैं.
इन इलाकों में फैला है भेड़ियों का आतंक
बता दें कि पिछले महीने से ही हरदी थाना के मक्कापुरवा, औराही जगीर, कोलैला, नथुवापुर, बड़रिया, नकवा और नयापुरवा समेत उसके आसपास के कई गांवों में भेड़ियों ने लोगों को अपना निशाना बनाया. इस दौरान भेड़ियों ने दस लोगों को अपना शिकार बनाया. इनमें आठ मासूम भी शामिल हैं. भेड़ियों के इन हमलों में 37 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने चार पिंजरे और आठ थर्मोसेंसर कैमरे लगाए गए. इसके साथ ही भेड़ियों की थर्मल ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है.
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पिंजरे में फंसे पांच भेड़िए
बता दें बहराइच में आतंक का पर्याय बन चुके पांच भेड़िये अब तक पिंजरे में फंस चुके हैं. पिछले दिनों चार भेड़िये पकड़े गए थे. तब भेड़ियों के परिवार के कुछ सदस्य चकमा देकर भाग निकले थे. उसके बाद वन विभाग की टीम ने फिर से जाल बिछाया. उसके बाद कड़ी मशक्कत से मंगलवार सुबह एक मादा भेड़िया पिंजरे में फंस गई. ये माता भेड़िया सिसैया चूरामणि के हरिबक्स पुरवा के पास लगे पिंजरे में कैद हो गई. वनकर्मी उसे रेंज कार्यालय ले गए है. प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक पांच भेड़िए पकड़े जा चुके हैं. अन्य भेड़ियों को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा.
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वन विभाग की 25 टीम कर रहीं कांबिंग
बहराइच में भेड़ियों के आतंक के चलते वन विभाग की 25 टीमों को कांबिंग के लिए लगाया गया है. इसके साथ ही पुलिस और पीएसी के 200 जवानों को भी तैनात किया गया है. इसके अलावा पंचायत और विकास विभाग की 110 टीमें रात में आठ बजे से सुबह पांच बजे तक रखवाली कर रही हैं. वहीं 11 जिला स्तरीय नोडल अधिकारी भी निगरानी में लगे हुए हैं.
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