मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ 11 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. यह पाटिल के खिलाफ हाल के दिनों में दूसरा गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है. यह 2013 में एक ड्रामा प्रोड्यूसर के साथ किये गये करार के उल्लंघन से संबंधित है. वहीं, वारंट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जारंग ने बताया कि सरकारउन्हें जेल में डालकर उसी के पीछे मारने की साजिश रच रही है. वहीं, इस पर जरांगे के वकील असीम सरोदे ने एक मीडिया एजेंसी को बयान दिया कि जरांगे अदालत में पेश नहीं हो सके क्योंकि उसने जालना के अंतरवाली सरती गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. वारंट रद्द करने के लिए अर्जी दायर की जाएगी.
सरकार जेल में बंद कर मेरी हत्या की रच रही है साजिश- जरांगे
मराठा आरक्षण के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल 13 जुलाई से भूख हड़ताल पर थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी भूख हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया. सरकार ने मनोज जारंग से दो महीने का समय मांगा था. जिस पर उन्होंने सरकार को 13 जून से 13 जुलाई तक एक महीने का समय दिया था. हालांकि सरकार ने 13 जुलाई तक मराठा आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझाया. इसलिए मनोज जरांगे फिर से भूख हड़ताल पर चले गये, लेकिन मंगलवार की रात तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें सलाइन लगाने के लिए मजबूर किया. दरअसल, अनशन के दौरान जरांगे का शुगर लेवर काफी कम हो गया था.
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जरांगे ने सरकार को दिया 1 महीने की डेडलाइन
तबीयत बिगड़ने के बाद जरांगे ने अनशन खत्म करने का फैसला करते हुए कहा है कि 'मैं स्लाइन के साथ अनशन नहीं करूंगा.' उन्होंने सरकार को 13 अगस्त तक की डेडलाइन भी दी है. जारांगे पाटिल ने सरकार से कहा, 'आप दो महीने चाहते थे, जिसके मुताबिक मैं 13 अगस्त तक की डेडलाइन दे रहा हूं. जैसा कि आपने कहा था, दो महीने में अपनी बात रखें.'