Bihar Flood: बिहार का शोक कही जाने वाली नदी कोसी अपने उफान पर है. कोसी नदी की वजह से प्रदेश में अकसर बाढ़ का तांडव देखा जाता है. एक बार फिर से प्रदेश में कोसी और गंडक ने तबाही मचा रखी है. बिहार से सटे पड़ोसी देश नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार बाढ़ की चपेट में है. दरअसल, गंडक और कोसी बिहार में नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करती है और लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार की स्थिति दयनीय बनी हुई है. कभी भी वाल्मीकी नगर और बीरपुर बैराज का गेट खुल सकता है.
56 सालों का टूटा रिकॉर्ड
कोसी और गंडक में पानी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और तटबंध कभी भी टूट सकते हैं. जानकारी के अनुसार, पिछले 56 सालों में एक बार में इतना पानी नेपाल से नहीं छोड़ा गया है. प्रदेश के आधे से ज्यादा राज्य बाढ़ की मार झेल रहा है.
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13 जिलों में बाढ़ का तांडव
सरकार लगातार इस पर काबू पाने के लिए तटबंधों की सुरक्षा बढ़ा रही है तो वहीं बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए राहत बचाव के कार्य में जुटी हुई है. कोसी और गंडक के अलावा बिहार में भी लगातार बारिश हो रही है और इसकी वजह से गंगा व अन्य नदियों का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इस समय सुपौल, मधेपुरा, भागलपुर, बेगूसराय, अररिया, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सिवान, पूर्णिया, मधुबनी, मुज्जफरपुर और बक्सर बाढ़ की चपेट में है.
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
इसके साथ ही मौसम विभाग ने भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने राजधानी पटना समेत समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, बेगूसराय और मुंगेर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. नेपाल और बिहार में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है. जिसे लेकर प्रशासन ने भी लोगों से सतर्क रहने को कहा है. बाढ़ से प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को लगातार राहत बचाव कैंप में ले जाया जा रहा है. राज्य सरकार ने जगह-जगह राहत बचाव कैंप लगाया है.