राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन इस तैयारियों के सामने एक कचरे का पहाड़ खड़ा है. यहां चारों तरफ कचरा ही कचरा है. लोग बीमार पड़ रहे हैं और निगम सुनने को तैयार नहीं है. राजधानी पटना से सटे रामाचक बैरिया में हाल ये है कि हर साल यहां लगभग साढे तीन लाख टन शहर का कचरा जमा होता है. पटना के 75 वार्ड का 900 टन कचरा यहीं फेंका जाता है और अब तो हाल ये है कि 14 सालों से रामाचक बैरिया में जमा हो रहा कचरा 13 लाख टन का पहाड़ बन चुका है.
मिलने थे 419 करोड़ रुपये
13 लाख टन कचरा का ये पहाड़ तब बन गया है जब पटना में स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम हो रहा है. पटना को स्मार्ट सिटी बनाने का काम चल रहा है, लेकिन कचरे के इस पहाड़ को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्मार्ट सिटी बनाने की ये योजना किस तरह काम कर रही है. निगम को केंद्र सरकार से 15वें वित्त आयोग के तहत 21-22 और 22-23 में अनुदान के तौर पर 419 करोड़ रुपये मिलने वाले थे. वो पैसे तो निगम को मिले नहीं तो राजधानी के पास रामाचक, ट्रांसपोर्ट नगर में हाल ये कर दिया गया कि कचरा का पहाड़ खड़ा कर दिया गया.
नहीं लगे प्लांट
दरअसल सरकार की तरफ से स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5 प्लांट लगाने थे. साढ़े 13 करोड़ की लागत से वेट वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगने थे. 14 करोड़ की लागत से बायोगैस प्लांट लगना था. 18 करोड़ की लागत से ड्राइव वेस्ट प्लांट लगने थे. 108 करोड़ की लागत से बेस्ट इलेक्ट्रिसिटी प्लांट लगने थे. 2 करोड़ की लागत से सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने थे. पैसा नहीं मिलने की वजह से कोई भी प्लांट नहीं लग सका और कचरे का पहाड़ बन गया.
हालांकि गर्दनीबाद में अस्पताल की वजह से शिकायतें हुई तो कचरे को डंप जरूर किया गया, लेकिन रामाचक और ट्रांसपोर्ट नगर में कचरा हटाने के लिए कोई पहल नहीं की गई. लेकिन पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए निगम को पहल करने की जरूरत है. नहीं तो कचरे का ये पहाड़ स्मार्ट सिटी की तैयारियों में पलीता लगा सकता है.
HIGHLIGHTS
- पटना में बना कचरे का पहाड़
- बना 13 लाख टन कचरे का पहाड़
- मिलने थे 419 करोड़ रुपये
Source : News State Bihar Jharkhand