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2024 Election: पिछड़े और अतिपिछड़े वोटरों के गढ झंझारपुर मैं कैसी बनेगी 24 के चुनाव की तस्वीर!

Jhanjharpur Lok Sabha seat: 2024 चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने कमर कस ली है.

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Vineeta Kumari
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झंझारपुर लोकसभा सीट( Photo Credit : फाइल फोटो)

Jhanjharpur Lok Sabha seat: 2024 चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने कमर कस ली है. वहीं, बिहार में सियासी गर्माहट थमने का नाम ही नहीं ले रही. लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की नजरें भी बिहार के 40 लोकसभा सीट पर टिकी हुई है. यूं तो बिहार में कई ऐसी लोकसीट सीट है जो हमेशा सुर्खियों में बना रहता है, लेकिन आज हम जिस लोकसभा सीट की बात कर रहे हैं उसके लोकसभा सीट का समीकरण बिलकुल अलग है. हम बात कर रहे हैं, बिहार की झंझारपुर लोकसभा सीट की. बता दें कि यह लोकसभा सीट जब से अस्तित्व में आई है, तब से अभी तक यहां पर 13 बार चुनाव हो चुके हैं. झंझारपुर लोकसभा सीट पर पिछड़े और अति पिछड़ों का ही सियासी दांव पेंच देखने को मिलता रहा है.

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पिछड़े और अति पिछड़ों का ही सियासी दांव पेंच

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आपको बता दें कि झंझारपुर लोकसभा सीट 1972 से पहले मधुबनी के अंतर्गत था. साल 1972 में झंझारपुर को लोकसभा सीट बनाया गया. 1972 से लेकर 2019 तक 13 बार चुनाव कराए जा चुके हैं, जिसमें 10 बार पिछड़े या अति पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार ने चुनाव में जीत का ताज अपने सिर पर पहना. पहली बार साल 1972 में कांग्रेस प्रत्याशी जगन्नाथ मिश्र ने झंझारपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं, अगले चुनाव यानी 1977 में भारतीय लोक दल  से धनिक लाल मंडल ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया. 

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जातीय समीकरण

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झंझारपुर के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, यादव और अति पिछड़ा समुदाय के वोटर्स की संख्या ज्यादा है. यहां यादव 20 फीसद, ब्राह्मण वोटर्स 20 फीसद, अति पिछड़ा वोटर्स 35 फीसदी, मुस्लिम वोटर्स 15 फीसद और अन्य समुदायों के मतदाता 10 फिसद है. 

2009 के लोकसभा चुनावों से झंझारपुर के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं-

खजौली

बाबुबरही

राजनगर

झंझारपुर

फुलपरास

लौकहा

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झंझारपुर का चुनावी सफर

जब 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी, उस समय हुए चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस ने यहां पर जीत दर्ज की. उस समय कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. गौरी शंकर राजहंस ने झंझारपुर से चुनाव में जीत का परचम लहराया. वहीं, गौरतलब है कि इस 1984 के बाद से लेकर आज तक कांग्रेस ने दोबारा यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब रही. 1989 से 1996 तक जदयू प्रत्याशी देवेंद्र प्रसाद यादव ने जीत की हैट्रिक लगाई. 

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वहीं, 1998 के लोकसभा चुनाव में राजद के प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद यादव ने झंझारपुर सीट पर अपना कब्जा जमाया. वहीं, जदयू का साथ छोड़कर देवेंद्र प्रसाद यादव ने राजद का हाथ थामा और 1999-2004 में झंझारपुर से जीत दर्ज की. साल 2009 में जदयू प्रत्याशी मंगनी लाल मंडल ने लोकसभा चुनाव में जीता. 

1972 से लेकर 2019 तक ये बने संसद के सदस्य-

1972: पंडित जग्गनाथ मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1977: धनिक लाल मंडल, भारतीय लोक दल

1980: धनिक लाल मंडल, जनता पार्टी (एस)

1984: जी.एस. राजहंस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1989: देवेंद्र प्रसाद यादव, जनता दल

1991: देवेंद्र प्रसाद यादव, जनता दल

1996: देवेंद्र प्रसाद यादव, जनता दल

1998: सुरेंद्र प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल

1999: देवेंद्र प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल

2004: देवेंद्र प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल

2009: मंगनी लाल मंडल, जनता दल (यूनाइटेड)

2014: बीरेंद्र कुमार चौधरी, भारतीय जनता पार्टी

2019: रामप्रीत मंडल, जनता दल (यूनाइटेड)

HIGHLIGHTS

  • झंझारपुर लोकसभा सीट का समीकरण
  • पिछड़े और अति पिछड़ों का दिखता है सियासी दांव
  • आगामी चुनाव में किसका पलड़ा भारी

Source : Vineeta Kumari

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