2 शिक्षकों के भरोसे 2400 छात्राएं, ऐसे में कैसे आगे बढ़ेगी बेटी!

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ पर सरकार का फोकस है, जिसको लेकर सरकार की तरफ से यह स्लोगन हर जगह देखने को मिलता है. मगर गोपालगंज में बेटियां शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार हो रही हैं.

author-image
Vineeta Kumari
New Update
sarkari school

2 शिक्षकों के भरोसे 2400 छात्राएं( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ पर सरकार का फोकस है, जिसको लेकर सरकार की तरफ से यह स्लोगन हर जगह देखने को मिलता है. मगर गोपालगंज में बेटियां शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार हो रही हैं. यहां बेटियों के करियर पर ग्रहण लगाया जा रहा है. गोपालगंज के जिला मुख्यालय स्थित एस.एस. बालिका प्लस-टू विद्यालय में 2400 छात्राओं को पढ़ाने के लिए महज दो शिक्षक बचे हैं. यहां के 20 शिक्षकों की दूसरे स्कूलों में नियुक्ति होने से स्थिति बिगड़ गयी है. वह भी तब, जब इंटर व मैट्रिक की परीक्षा नजदीक है और अब तक बच्चों का सिलेबस भी पूरा नहीं हो सका है.

यह भी पढ़ें- नीतीश कुमार को वार्ड काउंसर इतने भी वोट नहीं मिलने वाले- सम्राट चौधरी

2 शिक्षकों के भरोसे 2400 छात्राएं

दरअसल, बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद यह विद्यालय शिक्षक विहीन हो गया है. विद्यालय में 2400 छात्राएं नामांकित हैं, जिनको पढ़ाने के लिए महज दो शिक्षक बचे हैं. जिसमें भी एक शिक्षक कॉमर्स पढ़ाते हैं, जबकि यहां कॉमर्स की पढ़ाई तक नहीं होती. वहीं, एक अन्य शिक्षक उर्दू के हैं, तो उर्दू पढ़ने वाले छात्राओं की संख्या काफी कम हैं. ऐसे में अब छात्राओं का भविष्य अधर में लटका है, छह माह पहले इस स्कूल में करीब 22 शिक्षक थे. एग्जाम क्लियर कर तीन शिक्षक अलग-अलग स्कूल में प्रिंसिपल बन गए. इसके बाद शिक्षक भर्ती के पहले चरण की परीक्षा में विद्यालय के 15 शिक्षकों ने एग्जाम क्लियर कर लिया और अलग-अलग स्कूल ज्वॉइन कर लिया. दो अन्य शिक्षिकाओं ने अलग-अलग सरकारी संस्थानों में ज्वॉइन कर लिया.

सिर पर मैट्रिक-इंटर का एग्जाम

विद्यालय की करीब 1300 छात्राओं को मैट्रिक या इंटर की परीक्षा देनी है, करीब डेढ़ माह बाद इंटर और दो माह के बाद मैट्रिक की परीक्षा भी शुरू हो जायेगी. बोर्ड द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार एक फरवरी से इंटर और 15 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा होगी. ऐसे में छात्राएं और उनके अभिभावकों को परीक्षा परिणाम खराब होने का डर सता रहा है. छात्राओं का कहना है कि वे स्कूल आती हैं, लेकिन क्लास नहीं होने से बैरंग वापस लौट जाती हैं. उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक छात्राओं को रोकते हैं, तो छात्राएं क्लास चलाने की मांग करती हैं. इस पर शिक्षक चुप हो जाते हैं. वहीं, विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमेश चंद्र कुशवाहा का कहना है कि विद्यालय में शिक्षकों की आवश्यकता पहले से ही थी, लेकिन नये शिक्षक मिलने के बजाय संख्या और कम हो गयी. जिससे शिक्षण कार्य में परेशानी हो रही ह., समस्या से शिक्षा विभाग के उच्च स्तर के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है.

HIGHLIGHTS

  • 2 शिक्षकों के भरोसे 2400 छात्राएं
  • सिर पर मैट्रिक-इंटर का एग्जाम
  • ऐसे में कैसे आगे बढ़ेगी बेटी!

Source : News State Bihar Jharkhand

bihar latest news hindi news update Bihar Education Minister bihar local news Gopalganj News
Advertisment
Advertisment
Advertisment