जहरीली शराब कांड : मोतिहारी में मृतकों की संख्या हुई 25, कई लोगों की गई आंखों की रौशनी
मृतकों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. जहरीली शराब पीने से अब मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. वहीं, 12 से अधिक पीड़ितों का इलाज चल रहा है, साथ ही कई लोगों ने अपने आंखों की रौशनी भी खो दी है.
मोतिहारी के जहरीली शराब कांड में अब बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. जहरीली शराब पीने से अब मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. वहीं, 12 से अधिक पीड़ितों का इलाज चल रहा है, साथ ही कई लोगों ने अपने आंखों की रौशनी भी खो दी है. जिसके बाद एक बार फिर बिहार सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्ष जहां सरकार पर निशाना साध रही है और कह रही है कि राज्य सरकार मृतकों की संख्या में हेरफेरी कर रही है. छपरा की ही तरह मौत के आकड़ों को छुपाया जा रहा है.
जहरीली शराब से 25 लोगों की हुई मौत
पूर्वी चम्पारण जहरीली शराब कांड मामले में मृतकों की संख्या अब 25 हो गई है. तुरकौलिया के नरियरवा गांव निवासी भूटा पासवान, जयसिंहपुर निवासी गुड्डू सहनी और हरसिद्धि के मठलोहियार गांव निवासी हीरालाल मांझी की मौत हो गई है. बता दें कि मोतिहारी जिले में जहरीली शराब पीने से अलग अलग थाना क्षेत्र में कल तक 22 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, 20 लोगों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी लोग तुरकौलिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मी पुर गांव के रहने वाले बातये जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने इस मामले में अब तक 20 शराब तस्करों की गिरफ्तारी हुई है और बाकियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है.
मामले में बिहार के कानून मंत्री शमीम अहमद ने कहा कि अभी तक सिर्फ दो शवों का पोस्टमार्टम हो पाया है. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, डायरिया से लोगों की मौत हुई है. शराब पीने से किसी की भी मौत नहीं हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही सब कुछ साफ हो पाएगा कि लोगों की मौत क्यों हुई है.
विजय सिन्हा ने क्या कहा
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश जी आपको जहरीली शराब से हुई मौतों का हिसाब देना होगा और अवैध जहरीली शराब जिले के अंदर कैसे पहुंचती है? जो अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार है उसकी अवैध संपत्ति क्यों नहीं जब्त की जाती? जो आपके सत्ता में उच्च पदों पर बैठे हैं उनके परिवार के लोग इस तरह कं धंधे में लगे हुए हैं. इसकी न्यायिक जांच कराइए. उच्च स्तरीय जांच कराइए. सिटिंग जज से मामले की जांच कराइए. उन्होंने आगे कहा कि आप मामले की न्यायिक जांच से क्यों भागते हैं? सिटिंग जज से मामले की जांच कराइएगा तो सब सच्चाई सामने आ जाएगी. आपकी नीयत में खोट है और इसलिए शराबबंदी नीति कभी भी सफल नहीं होगी.