नवादा पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जहरीली शराब बनाने के लिए जिम्मेदार चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने 15 लोगों की जान ले ली, जबकि चार अन्य की आंखों की रोशनी स्थायी रूप से चली गई. नवादा के एसपी डी.एस. सांवलाराम ने कहा कि एसआईटी ने मंगलवार को खरडी बीघा गांव के सूरज चौधरी उर्फ कारू चौधरी, गोंदपुर के पप्पू यादव और बुधौल गांव के अनिल चौधरी और मंती देवी को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने स्वीकार किया कि नवादा में मौतें जहरीली शराब पीने से हुईं थी.
सावलाराम ने कहा, "आरोपियों ने कबूल किया है कि वे अपने-अपने गांवों में शराब बनाने की इकाइयां चला रहे थे, जहां से उन्होंने होली के दिन गांव वालों के हाथों बेचा था. एसपी ने कहा, "हमने खारीदी बिगहा, गोंदपुर और बुधौल गांव में कूड़े के विक्रेताओं की पहचान की और नवादा के आसपास के अन्य हिस्सों में छापेमारी की. नालंदा और बेगूसराय जिले के आसपास के इलाकों में छापेमारी की. नवादा में सिटी पुलिस स्टेशन में 10 एफआईआर दर्ज की गईं."
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नवादा के अलावा, बेगूसराय में दो व्यक्तियों और रोहतास जिलों में पांच व्यक्तियों की भी होली पर जहरीली शराब पीने से मौत हो गई. बिहार में अप्रैल 2016 से शराब पर प्रतिबंध लागू है, फिर भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में शराब की तस्करी, अवैध शराब निर्माण इकाइयां और अवैध रूप से शराब की बिक्री जारी है.
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तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "बिहार में सबसे बड़ा शराब माफिया कोई है तो वो नीतीश कुमार हैं." उन्होंने नीतीश कुमार को लाचार, मजबूर, थका हुआ मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि देश में ऐसा लाचार मुख्यमंत्री कोई नहीं है. तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि, "नीतीश मंत्रिमंडल में कई ऐसे मंत्री हैं जो शराब का धंधा करते हैं लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं होती. आखिर इनको संरक्षण क्यों दिया जा रहा है. बिहार में 64 प्रतिशत मंत्री दागी हैं, जिनपर गंभीर आरोप हैं."