बिहार में साल 2016 से ही शराबबंदी लागू है, लेकिन एक वो दिन था और एक आज का दिन है. ना तो शराब की बिक्री रुकी, ना ही तस्करी. नजीता बस ये कि ना जाने कितनी ही जिंदगियां जहरीली शराब की भेंट चढ़ गई. शासन और प्रशासन दावे करता रहा और मौत के सौदागर धड़ल्ले से अपना गोरखधंधा चलाते रहे. प्रदेश में एक बार फिर शराबबंदी चर्चाओं में है. वजह है लोगों की मौत और आशंका है जहरीली शराब.
दरअसल सीवान में एक शख्स की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई और दर्जनों लोगों की तबीयत बिगड़ गई. तबियत बिगड़ने के बाद 5 लोगों को सीवान के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसके बाद शुरू हुआ मौतों का सिलसिला. सूचना मिली कि सभी की मौत जहरीली शराब पीने के चलते हुई है. वहीं, 7 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. ये पूरा मामला लकड़ी नबीगंज ओपी के दो गांवों का बताया जा रहा है. मौत के बाद पुलिस प्रशासन एक्शन में आई और मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
सीएम नीतीश ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया वहीं, मामले को लेकर एक बार फिर बिहार में सियासी वार-पलटवार तेज हो गया है. बीजेपी ने मामले को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताते हुए नीतीश सरकार पर जुबानी तीर दाग रही है. वहींस सत्ता पक्ष कार्रवाई का आश्वासन देकर सफाई पेश कर में जुटी है. एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले को लेकर कुछ भी कहने से बचते हुए दिखे. सीएम नीतीश से जब मौतों को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मौतों का कारण सीएम का अहंकार : विजय सिन्हा वहीं, दो दिवसीय दौरे पर लखीसराय पहुंचे बिहार विधानसभा में नेता प्रति पक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सिवान में जहरीली शराब से हुई मौत मामले पर कहा कि सिवान में जहरीली शराब से हुई मौत का कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अहंकार है. उन्होंने कहा कि मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री जी आप और आपका अहंकार है. अगर आपने सदन में "शराब पिएगा जो मरेगा" कहने के बजाय सारण कांड का सही तरीके से जांच कराते और शराब माफियाओं पर कर्रवाई करते तो सिवान की कोई औरत विधवा और किसी बच्चे के से पिता का साया न उठता.
बिहार में लागू हो गुजरात और महाराष्ट्र मॉडल : बीजेपी सिवान में जहरीली शराब से मौत के बाद बीजेपी ने फिर गुजरात और महाराष्ट्र मॉडल की मांग उठाई है. बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि यह सब नीतीश कुमार के जिद का नतीजा है. वाइन और बीयर जैसे फर्मेंटेड ड्रिंक शुरू कर दिए जाने चाहिए. गुजरात और महाराष्ट्र मॉडल को अपनाना चाहिए. लोगों की जिस तरीके से मौत हो रही है अब पूरे कानून को रिव्यू करने की जरूरत है.