67वीं BPSC की प्रारंभिक पेपर लीक मामले में आर्थिक आपराध इकाई (EOU) लगातार धरपकड़ की कार्रवाई कर रही है. अब इस मामले में EOU ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीएसपी रंजीत कुमार रजक को गिरफ्तार किया है. EOU ने मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पेपर लीक मामले में EOU ने 23 जून को राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य शक्ति सिंह को गिरफ्तारी किया था. गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ में डीएसपी रंजीत कुमार रजक का नाम सामने आया था. जिसके बाद जांच में डीएसपी के खिलाफ कई सबूत EOU के हाथ लगे. सबूतों के आधार पर डीएसपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
डीएसपी पर पहले भी केस थे दर्ज
गिरफ्तार डीएसपी पर इससे पहले 2012 में भी परीक्षाओं में धांधली के आरोप लग चुके हैं. डीएसपी रंजीत कुमार पर 2012 में एसएससी एग्जाम के परिणामों को प्रभावित करने का आरोप लगा था. इस मामले में उसके अलावा 20 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. वहीं, BPSC पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी शक्ति सिंह के साथ वो लगातार संपर्क में था और दोनों के बीच कई बार मुलाकात भी हुई थी. ऐसे में EOU डीएसपी रंजीत कुमार के इस मामले से जुड़े हर एंगल को खंगाल रही है.
आपको बता दें कि रंजीत कुमार रजक मूल रूप से कटिहार के रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में वो परिवार के साथ पटना में महुआ बाग के वीणा विहार अपार्टमेंट में रहता है. लिहाजा EOU ने मंगलवार को ही आरोपी के फ्लैट को भी खंगाला. ताकि उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा सके. बीपीएससी पेपर लीक कांड में ये अभी तक की 16वीं गिरफ्तारी बताई जा रही है.
आरोपी ने तोड़ दिया था फोन
EOU की शुरुआती पूछताछ में ये बात सामने आई है कि आरोपी डीएसपी ने पेपर लीक कांड के 2-3 दिन बाद ही अपना फोन तोड़ दिया था ताकि वह पकड़ा न जाए. हालांकि जब EOU ने उससे पूछताछ की तो उसने कहा कि पत्नी से झगड़ा होने के बाद उसने फोन तोड़ दिया था, लेकिन सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपी ने सच्चाई उगल दी. EOU की मानें तो आरोपी डीएसपी पेपर लीक मामले की जांच में किसी स्तर पर कोई सहयोग नहीं कर रहा है.
Source : News Nation Bureau