बिहार के मोकामा नाजकथ अस्पताल स्थित बालिका सुधार गृह से सात लड़कियां फरार हो गई है. जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप सा मच गया. जानकारी के मुताबिक इन सात लड़कियों में से 5 मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की पीड़िताएं है. सभी फरार लड़कियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि नाजरथ सोसायटी द्वारा संचालित एनजीओ की लापरवाही से ही लड़कियां फरार हुई हैं. कहा जा रहा है ये कि ये सब ग्रिल काटकर वहां से भागी है.
एनजीओ द्वारा संचालित इस बालिका गृह में पुलिस अधिकारियों को भी जाने नहीं दिया जाता था. कई बार निरीक्षण के लिए गए पुलिस पदाधिकारियों को भी एनजीओं के असहयोग का सामना करना पड़ा था. यहां तक वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी यहां जाने की इजाजत नहीं थी.
पुलिस ने इस घटना में मामला दर्ज करके के जांच शुरू कर दी है.पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा की प्राथमिकता लड़कियों को ढूंढने की है।तमाम बिंदुओं पर जांच होगी. पुलिस के दूसरे अधिकारी भी मौके पर पहुंच जांच में जुटे हैं.
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बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नई दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुये कहा कि बहुत हो गया और बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत ने बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावा 16 अन्य आश्रय गृहों के प्रबंधन पर असंतोष व्यक्त करते हुये नीतीश सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे चेतावनी दी कि उसके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राज्य के मुख्य सचिव को बुलाया जायेगा.
क्या है पूरा मामला
मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था. इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी. बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
Source : News Nation Bureau