रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्त्वावधान में मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में मां सीताजी की 251 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही 51 शक्तिपीठों से मिट्टी और ज्योत लाकर पूरे क्षेत्र को शक्ति-क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. ये बातें आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी जी महाराज ने मालवीय स्मृति भवन स्थित एक कार्यक्रम में कही. रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्त्वावधान में मां सीताजी के प्राकट्य दिवस पर आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह अखाड़ा परिषद से भी वार्ता कर चुके हैं और पूरे देश के संत समाज को रामायण रिसर्च काउंसिल के अंतर्गत मां सीताजी के इस कार्य से जोड़ा जाएगा.
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राम ने रावण का संहार नहीं उद्धार किया
वहीं, संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत में राम और शिव उद्धारक के रूप के धर्म का संरक्षण कर रहे हैं. राम ने रावण का संहार नहीं उद्धार किया है. राम राज्य जो भेदभाव मुक्त होगा, वहीं सर्वोततम है. भारत में नारी का अपमान न करके उनको अधिकार देते हुए मां सीता के मंदिर बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा. तभी अहंकार रहित राज्य की स्थापना करना संभव है. 'जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान हैं'. इन्ही शब्दों के साथ लोगों से मां सीताजी के इस कार्य में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की.
भगवान राम के बाद माता सीता के भव्य मंदिर की बारी
कार्यक्रम में मौजूद विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि वह स्वयं सीतामढ़ी जाकर काउंसिल के अंतर्गत हो रहे इन कार्यों को देख चुके हैं और अब तो भगवान श्रीराम के जन्म-स्थान के बाद मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र पर भव्य मंदिर की ही बारी है. इसलिए उनका मानना है कि जन-जन को इस अभियान से जुड़ना चाहिए. भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि अब मां सीताजी का मंदिर बनाना उनके जीवन का उद्देश्य है. इसलिए वह काउंसिल के अंतर्गत मां सीताजी के इस प्रकल्प को विश्व-स्तर पर ले जाने के प्रति संकल्पित हैं.
251 फीट ऊंची प्रतिमा की जाएगी स्थापित
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चित्प्रकाशानंद गिरी ने कहा कि वह भी अभी हाल ही में सीतामढ़ी जाकर काउंसिल के अंतर्गत चल रहे कार्यों का अवलोकन कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि काउंसिल जिस रफ्तार से सीतामढ़ी में कार्य कर रही है, जल्द से जल्द वहां मां की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापना के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा, ऐसा उन्हें पूर्ण विश्वास है. महामंडलेश्वर भैया जी महाराज ने कहा कि हम जल्द ही संतों के बीच एक बड़ा अभियान चलाने वाले हैं. अयोध्या की ही तरह हम इसे भी बड़ा स्वरूप देंगे। महामंडलेश्वर वैराज्ञानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि वह कई राज्यों में लोगों से संपर्क कर रहे हैं, इसका वृहद प्रचार-प्रसार हो, इसके लिए मातृ-शक्तियों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. कार्यक्रम में मॉरिशस के उच्चायुक्त एच.ई. हेमोनडोयल डिलियम ने कहा कि वह काउंसिल के इस संकल्प की सराहना करते हैं और वह अपने देश में भी इन कार्यों की जानकारी देंगे और हरसंभव सहयोग करेंगे.
HIGHLIGHTS
- सीतामढ़ी में बनेगा मां सीता का भव्य मंदिर
- 251 फीट ऊंची प्रतिमा की जाएगी स्थापित
- रामायण रिसर्च काउंसिल ने दी जानकारी
Source : News State Bihar Jharkhand