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छपरा का एक ऐसा विद्यालय, जहां 330 छात्राएं में नहीं है एक भी शौचालय

छपरा का एक ऐसा विद्यालय जहां छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है और शिक्षिकाओं की संख्या शिक्षकों से अधिक है.

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Vineeta Kumari
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330 छात्राएं में नहीं है एक भी शौचालय ( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

छपरा का एक ऐसा विद्यालय जहां छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है और शिक्षिकाओं की संख्या शिक्षकों से अधिक है. इसके बावजूद इस विद्यालय में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं होना विभागीय शिथिलता को जाहिर करता है. सरकार द्वारा स्वच्छता को लेकर कई जागरूकता अभियान भी चला रही है. साथ ही घर घर शौचालय निर्माण पर जोर देती है, लेकिन शिक्षा के मंदिर में शौचालय ना होना शिक्षिकाओं और छात्राओं के लिए कितना कष्टकारी है, यह सोचनीय है. हम बात कर रहे हैं कि मशरक नगर पंचायत स्थित आदर्श मध्य विद्यालय की. इसी विधालय के कैंपस में बीआरसी कार्यालय भी है, जहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी बैठते हैं.

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विद्यालय में शौचालय की नहीं है व्यवस्था

इसके बावजूद विद्यालय में पीने की पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं है. मशरक के विधालय में कुल छात्रों की संख्या 645 है, जिनमें छात्राओं की संख्या 330 है. वहीं, इस विद्यालय में शिक्षकों की कुल संख्या 19 है, जिनमें शिक्षिकाओं की संख्या 11 है. विद्यालय में इतनी बड़ी संख्या में महिला जनसंख्या होने के बावजूद भी विद्यालय में शौचालय नहीं होना शिक्षा विभाग को मुंह चिढ़ाता है. इस विद्यालय में पुराने शौचालय को खराब हुए 11 वर्ष हो गए, लेकिन एक दशक बीत जाने पर भी विभाग की नींद नहीं खुली. जिसको लेकर शिक्षिकाओं और छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विभाग इसको लेकर सोई हुई है.

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एक दशक बीत जाने पर भी विभाग की नींद नहीं खुली

वहीं, इस विद्यालय परिसर में एक चपाकल भी है, जिसके बारे में यह बताया जाता है कि कुछ वर्ष पहले उस चपाकल में सांप घुस गया था. वह मरने के बाद कई टुकड़े में पानी के सहारे बाहर निकला, जिसके बाद से उस चपाकल से कोई पानी नहीं पीता. इसी वजह से यह चपाकल अनुपयोगी है. इस विद्यालय परिसर में बने बीआरसी भवन में शौचालय और उसी की पानी की टंकी एक कनेक्शन से छात्र-छात्रा पानी पीते हैं, जबकि बीआरसी भवन का ही शौचालय उपयोग करते है, जिसको लेकर भी छात्रों को डांट पड़ती है. शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव द्वारा तरह-तरह के नियमों में बदलाव किया जा रहा है. अब इस विद्यालय के छात्रों शिक्षकों को इंतजार है कि आखिर इस विद्यालय में व्यवस्था कब तक होता है.

HIGHLIGHTS

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  • छपरा का एक ऐसा विद्यालय
  • जहां 330 छात्राएं में नहीं है एक भी शौचालय
  • विभाग की नींद नहीं खुली

Source : News State Bihar Jharkhand

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