बिहार में सुशासन की पोल खाकी ने खोल दी है. बिहार में पिछले एक सप्ताह के दौरान 400 से ज्यादा पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सरकार का मानना है कि ये दागी अफसर है इसलिए इन्हें विभिन्न जिलों के थानो से हटा कर पुलिस केंद्र में पोस्टिंग की जा रही है. इनमे ज्यादातर दारोगा और इंस्पेक्टर शामिल हैं. लेकिन इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यलाय और एसोसिएशन आमने सामने आ गया है. एसोसिएशन का आरोप है कि जिन्होंने बिहार सरकार के हर निर्णय को मूर्त रूप दिया और बिहार में सुशासन दिया उन्हें हीं दोषी ठहराया जा रहा है. अब तक कुल 400 थानेदार, इंस्पेक्टर, सर्किल इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर की लाइन क्लोज कर दी गयी है.
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बात अगर पूर्णिया जिले की करें तो वहां अभी दागदार पुलिस अफसर को हटाने की कार्रवाई चल ही रही है. फिलहाल जो लिस्ट बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी की है. उसके अनुसार पटना समेत 5 जिले ऐसे हैं, जहां बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है. टॉप 5 जिलों में सबसे अधिक दागदार व लापरवाह पुलिस अफसरों की तैनाती थी. पुलिस मुख्यालय की लिस्ट के अनुसार रोहतास और भोजपुर जिले में सबसे अधिक 27—27 दागी पुलिस अफसरों के उपर कार्रवाई की गाज गिरी है.
इनके बाद पटना में 19 पुलिस अफसरों को फिल्ड से हटाया गया है. पटना में 17 थानेदार और दो सर्किल इंस्पेक्टर के उपर कार्रवाई हुई है. इसी तरह मोतिहारी में 15 दागी पुलिस अफसरों की लाइन क्लोज की गयी है. जबकि गया जिले में 14 पुलिस अफसरों के उपर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा बाकी जिलों में दागी पुलिस अफसरों की संख्या कम पाई गई है. पुलिस मुख्यालय की इस कार्रवाई पर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कड़ा एतराज जताया हैं. एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है की इसको समझना ज़रूरी है कि दागी पुलिस वालों पर विभागीय करवाई चलाता कौन है और दंड देता कौन है? बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने साफ़ किया की पुलिस विभाग में जो कार्य करेगा उससे ही छोटी या बड़ी ग़लती होगी. जो बेहतर कार्य किए है उसको कोई नही देखेगा.
आरोप ये लग रहा की थानाध्यक्ष सरकार और विभाग की हर कसौटी पर खरे उतरे हैं. सरकार ने जो नीति बनाई उसका पालन किया है. आपकी हर सफलता इन्हीं की देन है...मुख्यालय तल्ख, बिहार के डी जी पी गुप्तेश्वर पांडे कह रहे कारवाई तो होगी, ब्ख्शा कोई नहीं जाएगा. जिनको गलत लग रहा वो मुख्यालय में आ कर अपना पक्ष रखे. साथ ही उन्होंने इशारों में ये भी बता दिया की आर्थिक अपराध शाखा भी इसकी जांच कर रही है.
इस सब में बिहार डी जी पी का पारा चढ़ा तो पुलिस महकमे की खोल दी पोल, कहा शराब और बालू बेचने वाले बख्शे नही जायेंगे. ऐसे नहीं चलेगा, पुलिस वाले भ्रष्टचार करे ये नहीं होगा. कारवाई तो होगी. उन्होने सरकार और अफसरान के इस निर्णय के खिलाफ मोर्चाब्ंदी के लिये 25 अगस्त को पटना में एक बैठक बुलाई है. खाकी के खिलाफ खाकी खड़ी है. अब सवालों के घेरे में पुलिसकर्मीयों पर मुख्यालय की नरमी फिलहाल दिख नहीं रही.
Source : रजनीश सिन्हा