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बिहार से लेकर ओडिशा तक मचा चमकी बुखार से हड़कंप, जांच के लिए भेजे जाएंगे लीची के सैंपल

इस बीमारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा अब 130 पहुंच चुका है जबकि 300 बच्चें गंभीर रूप से बीमार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों बच्चों में 80 फीसदी बच्चियां हैं

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Aditi Sharma
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बिहार से लेकर ओडिशा तक मचा चमकी बुखार से  हड़कंप, जांच के लिए भेजे जाएंगे लीची के सैंपल
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बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा अब 112 पहुंच चुका है जिसमें एसकेएमसीएच में 93 और केजरीवाल अस्पताल में 190 बच्चों की मौत हुई हैं.  वहीं बताया जा रहा है कि 300 बच्चें अभी भी गंभीर रूप से बीमार है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों बच्चों में 80 फीसदी बच्चियां हैं. 

वहीं ओडिशा सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट का कहना है कि ये बीमारी बिहार और देश के दूसरे हिस्सों में उस जगह फैल रही है जहां लीची का उत्पादन है. ऐसे में जहरीले पदार्थ का पता लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त को बाजार में बेची जा रही लीची के सैंपल इकट्ठे करने और परीक्षण करने का निर्देश दिया गया है.

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 इससे पहले मंगलवार को बिहार के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मुजफ्फरपुर के दौरे पर गए थे और श्री कृष्णा मेडिकल कॉलज और अस्पताल (SKMCH) में पहुंचकर मरीजों की स्थिति जानी और कुछ दिशा-निर्देश जारी किए. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा, 'प्रभावित क्षेत्रों का पर्यावरण अध्ययन किया जाना चाहिए और इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए.'

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नीतीश कुमार ने बताया कि अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. अस्पताल को 2500 बेड वाला अस्पताल (वर्तमान में 610 वाला वेड है) बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. 1500 बेड की व्यवस्था पहले चरण यानी तुरंत की जाएगी. इसके अलावा रिश्तेदारों और परिवारों के लिए एक 'धर्मशाला' भी बनाई जाएगी.

इस बीच मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से हो रही मौत का मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करके केंद्र और बिहार सरकार से 500 आईसीयू की व्यवस्था करने की मांग की है. इसके साथ ही एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप से निपटने के लिए आवश्यक डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है.

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इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में भेजे जाने वाले 100 मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था करने और वहां मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की भी मांग पीआईएल में दाखिल की गई है. आज यानी 19 जून को इस मामले पर सुनवाई हो सकती है. याचिकाकर्ता ने तुरंत इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है.

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