कोरोना संक्रमण दूसरी लहर में देश में हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज हजारो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने से श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने लगी है. वही बिहार के बक्सर में गंगा नदी में तैरती लाशों का सिलसिला जारी है. इस बीच यूपी के उन्नाव में भी गंगा नदी के पास रेत से दबी कई लाशें बरामद हुई हैं. रेत में दफन लाशों के सामने आते ही प्रशासन हरकत में आ गया है. जानकारी के मुताबिक शुक्लागंज में ग्राम रौतापुर स्थित गंगातट पर रोक के बावजूद एक महीने के अंदर करीब 400 शवों को गड्ढा खोद कर दफना दिया गया. वही कोतवाली क्षेत्र के रौतापुर ग्राम स्थित गंगातट पर दस अप्रैल से दस मई के बीच शवों की संख्या ज्यादा रही. लोगों ने लकड़ियां महंगी होने के कारण शवों को गड्ढों में दफना दिया. कुछ शवों से मिट्टी भी हट गई है. यहां पर आवारा कुत्ते भी नजर आए. गंगा में जैसे ही पानी बढ़ेगा यही शव गंगा नदी में उतराते नजर आएंगे. सिटी मजिस्ट्रेट चंदन पटेल ने बताया कि रौतापुर गंगा तट किनारे शवों को दफनाए जाने की सूचना नहीं है. मामले की जांच कराकर इस पर रोक लगाने के साथ ही कार्रवाई की जाएगी.
वही उन्नाव के बक्सर घाट पर दफन सैकड़ों शवों की दुर्दशा की हकीकत दिखाए जाने के बाद बड़े स्तर पर किरकिरी होने पर जागा जिला प्रशासन. उन्नाव डीएम रविंद्र कुमार ने कहा हमारी टीम को नदी से दूर एक क्षेत्र में दफनाए गए शव मिले हैं. अन्य क्षेत्रों में अधिक शवों के लिए खोज की जा रही है. मैंने टीम को जांच करने के लिए कहा है. उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, गंगा के किनारे परम्परा के तहत शव दफन किए गए हैं , जो कि काफी महीनों पुराने है, उन्होंने आगे कही उन्नाव में गंगा घाट पर शव दफन होने से रोका जाएगा, एसडीएम को घाटों पर जागरूकता के शाइन बोर्ड लगवाए जाने के निर्देश दिए गये है. परम्परा के अनुसार यदि कोई शव दफन भी होगा तो काफी गहराई में गाड़ा जाएगा, गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन देगा निशुल्क लकड़ी.
HIGHLIGHTS
- यूपी के उन्नाव में भी गंगा नदी के पास रेत से दबी कई लाशें बरामद हुई
- गंगा के किनारे परम्परा के तहत शव दफन किए गए हैं
Source : News Nation Bureau