पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद उत्तर भारत पर कोहरे और शीतलहर के डबल अटैक जारी है. बिहार-झारखंड के तकरीबन सभी जिलों का यही हाल है. सुबह से ही कोहरे की वजह से वीजीबिलिटी पर असर पड़ रहा है. वहीं, धूप नहीं होने की वजह से राहत नहीं मिल पा रही है. शाम ढलते ही कोहरे और धुंध की सफेद चादर में पूरा उत्तर लिपट जाता है. वहीं, नए साल की दस्तक के साथ ही दिल्ली और एनसीआर में ठंड बढ़ गई है. आज तो दिल्ली में सीजन का सबसे न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया. पूरा उत्तर प्रदेश भी शीतलहर की चपेट में है. लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, मथुरा में प्रचंड ठंड है और कोहरे की मार भी देखने को मिल रही है.
पंजाब में भी शीतलहर ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पठानकोट से लेकर बठिंडा तक तापमान में गिरावट दर्ज हुई है और सर्दी बढ़ गई है. कोहरे की वजह से ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर देखने को मिल रही है. कई ट्रेनें रद्द की गई हैं तो कई ट्रेनें लेट से चल रही हैं.
बढ़ती ठंड ने बिहार के कई जिलों में सरकारी व्यवस्थाओं को फेल कर दिया है. वहीं, अगर बात करें सीवान की तो यहां जिला प्रशासन ने व्यवस्था दुरुस्त की है. जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी खुलकर सड़क पर आ गए हैं. ठंड से लोगों को कैसे बचाया जाए इसकी चिंता सभी को होने लगी है. शहर के जेपी चौक जो सबसे ज्यादा व्यस्त इलाका है, वहां पर एक तरफ नगर परिषद के तरफ से अलाव जलाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ एक जनप्रतिनिधि के तरफ से अलाव जलाया गया है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर यही स्थिति है. रैन बसेरों में भी मुकम्मल व्यवस्थाएं की गई है. आपको बता दें कि रैन बसेरा में एक रूम में चार-चार बेड लगे हुए हैं. 4 बेड पर तकिया, बिस्तर और कंबल भी रखा गया है. इतना ही नहीं उस रूम पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.