नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी के आरोपों के बाद जदयू के दिग्गज नेता ललन सिंह का बयान आया है. ललन सिंह ने बयान देते हुए कहा कि बिहार में अति पिछड़ा वर्ग के लिए नीतीश कुमार ने जितना काम किया है, भाजपा ने सोचा भी नहीं होगा. 2006 में पिछड़े, अति पिछड़े को जिस आधार पर आरक्षण दिया गया, उस वक्त नगर विकास मंत्री सुशील कुमार मोदी थे. बीजेपी और आरएसएस आरक्षण विरोधी हैं. बिहार में आयोग बनाने की कोई जरूरत नहीं है, 1978 में कर्पूरी ठाकुर ने अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया था. बीजेपी और आरएसएस की आरक्षण पर राय 2015 में स्पष्ट हो गई थी. जातीय जनगणना के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार ने विरोध किया. अति पिछड़ों को आरक्षण के मामले में बीजेपी उलझाना चाहती हैं.
बिहार में आयोग बना कर दो साल तक इंतजार नहीं किया जाएगा. बिहार में आयोग की कोई जरूरत नहीं है, अति पिछड़ा वर्ग और उनकी संख्या चिन्हित है. बता दें कि पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार में 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगर निकाय चुनाव को रद्द कर दिया है. जिसके बाद अब चुनाव की नई तारीखें जारी की जा सकती है. वहीं बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
Source : News State Bihar Jharkhand