बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध की शुरुआत 16 जून से हुई थी,17 और 18 जून को इसने विकराल रूप ले लिया था. उपद्रवियों ने कई ट्रेनें जला दीं, कई स्टेशन को फूंक डाला. 19 जून को अग्निपथ के विरोध में बुलाए गए बंद के दिन तो उत्पातियों ने पटना जिला के तारेगना स्टेशन को ही तहस नहस कर डाला था. इस हंगामे से सूबे की छवि भी खराब हुई और पुलिसिया तंत्र पर सवाल खड़ा होने लगे थे. अब बिहार पुलिस एक्शन में है.
बिहार के डीजीपी पहली बार आए सामने
बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने साफ तौर पर कह दिया है कि पुलिस की कारवाई अब रुकेगी नहीं. उन्होंने कहा कि पुलिस का काम एविडेंस आधारित होता है. जांच और सबूत के आधार पर जिन लोगों की भी पहचान होगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी ने भारतीय जनता पार्टी को भी दिया जवाब
24 तारीख से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर विधानसभा के सुरक्षा का जायजा लेने डीजीपी पहुंचे थे. उस दौरान ही पत्रकारों ने उनसे ये भी पूछा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इस पूरे हंगामे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे, इस सवाल पर डीजीपी ने पहले तो कहा कि उन्हें इस पर कुछ नहीं कहना है, फिर उन्होंने रुककर कहा कि उनकी रक्षा भी पुलिस ने ही की है, जाकर पता कर लीजिए.
कोचिंग संचालक पुलिस की जांच के घेरे में
बिहार में हुए उत्पात में कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका सामने आई है. हर जगह कोचिंग संचालकों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. तारेगना और दानापुर के उपद्रव में 6 कोचिंग संचालकों पर मामला दर्ज हुआ है. अब तक पटना जिला में 190 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. डीजीपी ने साफ शब्दों में कहा कि जिनका नाम आएगा उन पर कारवाई होगी. सुनियोजित साज़िश के बिंदु पर अभी जांच चल रही है.
कोचिंग संचालकों की सफाई
इस उपद्रव को हवा देने का आरोप पटना के विख्यात कोचिंग संचालक गुरु रहमान पर भी लगा है. गुरु रहमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है और सोमवार को इनके कई ठिकाने पर इनकम टैक्स के छापे भी पड़े. अब गुरु रहमान वीडियो जारी कर अपनी सफाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि 1994 से मैं कोचिंग चला रहा हूं, मैंने कभी कोई हिंसात्मक कारवाई के लिए छात्रों को नहीं उकसाया है. अगर मेरे खिलाफ दोष साबित होता है तो मैं सजा भुगतने को तैयार हूं.
Source : Rajnish Sinha