बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी हर दिन ये कानून टूटता है. भले ही सीएम नीतीश कुमार ये कहते नजर आते हैं कि राज्य में इस कानून के कारण अपराध कम हुए हैं लेकिन सच्चाई तो सभी जानते हैं. आय दिन इसकी तस्करी होती है अलग अलग तरीके से तस्कर इसकी तस्करी करते हैं. कभी खुद पुलिस ही इसके नशे में झूमते मिलती है. वहीं, इस पर बयानबाजी का भी दौर शुरू है. जो कभी इस कानून के खिलाफ हुआ करते थे आज वो भी इसका समर्थन करते दिख रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने हाल में ही सीएम नीतीश कुमार को जमकर घेरा था तो अब कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने पलटवार करते हुए उन्हें जवाब दिया है.
कुछ दिन पहले आरसीपी सिंह ने यह बयान दिया था कि पर्यटकों को एयरपोर्ट आते हीं उन्हें एक चीज डरा देती है और वो है शराबबंदी कानून जो उन्हें डरा रही है जिससे पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई है. उनके इसी बयान पर हमला बोलते हुए कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि जिस समय शराबबंदी कानून बन रही थी तब इन्होंने अहम भूमिका निभाई थी इन्होंने ही सीएम नीतीश कुमार को कहा था की ये कानून लाइए और अब कह रहे है कि पर्यटक को बिहार सरकार डरा रही है. बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी को समाज सुधार अभियान के रूप में चलाया है जो समाज को सुधारने का काम कर रही है.
वहीं, दूसरी तरफ भागलपुर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री से शराब बंदी खत्म करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जब सभी जगहों पर शराब मिल रही है ऐसी स्थिति में चाहे तो वरीय अधिकारियों पर कार्रवाई कर सख्ती से शराबबंदी लागू की जाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे खत्म कर दिया जाए. शराबबंदी के कारण बिहार में दस हजार करोड़ रुपए राजस्व का घाटा राज्य को हो रहा है इस पर सदन में विचार करने की जरूरत है.
Source : News State Bihar Jharkhand