छपरा में मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना दम तोड़ रही है. यहां के मढौरा नगर पंचायत में योजना के नाम पर कड़ोरों की राशि तो खर्च हो गई, लेकिन लोगों को आज तक शुद्ध पानी नहीं मिला है. शासन की योजनाओं पर कैसे प्रशासन के अधिकारी पलीता लगाते हैं. छपरा जिले के मढौरा नगर पंचायत में नल तो है, लेकिन जल नहीं. जल मिनार भी है, लेकिन पानी सप्लाई का कोई इंतजाम नहीं. हर गली-कूचे लगाए गए नल और पाइपलाइन सिर्फ गांव की शोभा बढ़ाने का काम कर रहे हैं. मढौरा के 16 अलग-अलग वार्डों में 5 करोड़ से ज्यादा की लागत में नल-जल योजना की शुरूआत की गई. योजना की शुरूआत साल 2018 में ही हुई, लेकिन आज तक ग्रामीणों को शुद्ध पानी नहीं मिल सका है.
ग्रामीणों को आज तक नहीं मिला शुद्ध पानी
इन 5 सालों में आज तक कई ऐसे वार्ड है जहां नल जल का टावर तक नहीं बन पाया है. शुरुआती दौर में कुछ वॉर्डो में थोड़ी बहुत जगहों पर योजना शुरू भी हुई, लेकिन संवेदक और पदाधिकारियों की अनदेखी से इस योजना का लाभ मढौरा नगर पंचायत वासियों को नहीं मिल पाया. अब आलम ये है कि यहां के लोगों ने शुद्ध पानी की उम्मीद भी छोड़ दी है. हालांकि मामले को लेकर नव निर्वाचित मुख्य पार्षद रूबी सिंह ने एक बैठक कर सम्बंधित नल जल के ठेकेदारों को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. जिसके तहत अगर इन 15 दिनों में योजना की शुरूआत नहीं हुई तो ठेकेदारों पर कर्रवाई की जाएगी.
सीएम से भी हो चुकी है शिकायत
हैरत की बात है कि यहां के स्थानीय लोगों ने इससे पहले भी मुख्यमंत्री जनता दरबार में सीएम से ही इसकी शिकायत की थी. बावजूद अधिकारियों ने योजना की कोई सुध नहीं ली. शुद्ध पानी के लिए वार्ड के लोग परेशान हो रहे हैं. नल जल की टंकी बेकार पड़ी है, लेकिन लोगों की परेशान पर ना तो जनप्रतिनिधियों की नजर जाती है और ना ही अधिकारियों की. जिले में नल-जल योजना दम तोड़ रही है. ऐसे में देखना होगा कि मुख्यपार्षद के अल्टीमेटम पर कोई कार्रवाई होती भी है या नहीं.
रिपोर्ट : बिपिन कुमार मिश्रा
HIGHLIGHTS
- दम तोड़ रही हर घर नल योजना
- योजना के नाम पर करोड़ों की राशि खर्च
- ग्रामीणों को आज तक नहीं मिला शुद्ध पानी
- अधिकारियों की अनदेखी का दंश झेल रहे ग्रामीण
Source : News State Bihar Jharkhand