कैमूर के लाल अमरीश कुमार तिवारी बड़ी मुकाम हासिल किया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज कर लिया गया है. 26 जनवरी को अमरीश ने हवाई अड्डा भभुआ में 900 वर्ग फुट में धान की भूसी से नेचुरल रंग से रंगोली बनाई थी. अमरीश की बनाई रंगोली 26 जनवरी के दिन लोगों के लिए सेल्फी का पॉइंट भी बनी थी. उन्होंने अपने इस कलाकृति को 28 जनवरी 2022 को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया था. 9 महीने के बाद अमरीश की कालकृति को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट का पैकेट जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने खोलकर इन्हें दिया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी.
जहां एक ओर लोग धान की भूसी को और पराली को वेस्ट समझ कर जला दे रहे हैं वहीं, कैमूर के लाल अमरीश ने धान की भूसी से जो रंगोली बनाई उसने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपनी जगह दर्ज करा ली. अमरीश गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए और कड़ी मेहनत करने पर जोर दे रहे हैं. इसके पहले भी अमरीश ने रक्षाबंधन के अवसर पर वन विभाग के पास पीपल के पेड़ में बहुत बड़ी राखी बांधकर पेड़ बचाने का और पर्यावरण संरक्षण का मैसेज दिया था.
जानकारी देते हुए आर्टिस्ट अमरीश कुमार तिवारी ने बताया कि जब 26 जनवरी नजदीक आया तो मेरे दिमाग में आया कि कुछ अलग करते हैं. दिमाग में यह भी ख्याल था कि हमारा देश कृषि प्रधान है हमारे जिले की 80% आबादी कृषि पर निर्भर है. इसको देखते हुए मैंने धान की जो भूसी होती है उससे रंगोली बनाने का सोचा. मैं एक मिल मालिक के पास गया और बोला कि मुझे भूसी चाहिए तो उन्होंने कहा कि जो रास्ते में भूसी गिरी है उसे आप ले जा सकते हो. फिर मैं उसको 25 जनवरी की रात में लाया. पूरी रात भूसी को कलर कर 900 वर्ग फुट की रंगोली बनाने में लग गया. रंगोली बनकर तैयार होने के बाद आम लोगों के लिए रंगोली देखने के लिए खोल दी. यह 26 जनवरी के दिन आकर्षण का केंद्र था और लोगों का यह सेल्फी प्वाइंट भी बनी. इसके बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया, जहां मुझे चयन कर लिया गया है और उससे संबंधित सारे दस्तावेज भी भेज दिए गए हैं.
रिपोर्ट : रंजन
Source : News State Bihar Jharkhand