उत्तर प्रदेश की तरह बिहार के शिक्षा विभाग में भी अनामिका शुक्ला जैसा बड़ा घपला सामने आया है. वहां एक फर्जी शिक्षिका अफसरों की मिलीभगत से पहले इस्तीफा दे दिया और फिर 3 साल तक वेतन उठाती रही. फर्जी शिक्षिका ने शिक्षा विभाग को करीब 10 लाख का चूना लगाया और विभाग को भनक तक नहीं लगी. स्थानीय लोगों की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की तब यह खुलासा हुआ.
पूरा मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षिका चंदा कुमारी (Chanda Kumari) और तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ मशरक थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. मशरक प्रखंड के जजौली उत्क्रमित मध्य विद्यालय में चंदा कुमारी बतौर टीचर पदस्थापित थी, लेकिन सर्टिफिकेट फर्जी होने के चलते इस्तीफा देना पड़ा. फिर भी 3 साल तक वह वेतन उठाती रही.
जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने इस बारे में बताया कि विभाग आरोपी शिक्षिका से पूरे पैसे वसूल करेगा. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी शिक्षिका और अफसरों की तलाश में है, जबकि फर्जी शिक्षिका फरार है.
उधर, मुकदमा दर्ज होने के बाद मशरक थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा ने जांच शुरू दी है. बताया जा रहा है कि चंदा कुमारी ने इस्तीफा देने के बाद भी प्रधानाचार्य संजीव कुमार और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लखेन्द्र पासवान की मिलीभगत से 29/07/15 से अक्टूबर 2018 तक खुद को विद्यालय में कार्यरत दिखा दिया और वेतन भी पाती रही.
Source : News Nation Bureau