बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है. वो आजीवन कारावास की सजा भी काट रहे थे, लेकिन बिहार सरकार ने कानून में संसोधन कर उन्हें जेल से रिहाह कर दिया. जिसके बाद डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और आज इस मामले में सुनवाई है. इस बात का भी फैसला हो सकता है कि उनकी रिहाई बरकरार रहगी या फिर उन्हें फिर से जेल जाना पड़ जायेगा. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी.
याचिका में क्या कहा गया ?
पूर्व डीएम स्व. जी. कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उनके पति के हत्यारे को जेल से रिहाह करने के बिहार सरकार के फैसले को रद्द कर दिया जाए. दायर की गई याचिका में कहा गया था कि जब भी किसी को आजीवन कारावास की सजा होती है तो उसका मतलब ये होता है कि अब वो पूरी जिंदगी जेल में ही रहेगा ना की 14 साल की सजा काटकर बाहर आ जाएगा. इसके साथ ही ये कहा गया कि अगर किसी को फांसी की सजा होती है और उसकी जगह उसे आजीवन कारावास की सजा दे दी जाती है तो उसे दूसरी तरह से देखना चाहिए. सामान्य आजीवन कारावास से इसकी तुलना नहीं करनी चाहिए. डीएम की पत्नी ने बिहार सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की है. इसके साथ ही रिहाई के नियमों में हुए बदलाव के आदेश को भी रद्द करने की मांग की है.
बीजेपी ने भी लगाया आरोप
एक तरफ जहां आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद की शादी अभी हाल में ही हुई है. जिसे लेकर उनके घर में खुशियों का माहौल है. वहीं, दूसरी तरफ अब उनकी मुसीबतों और भी बढ़ने वाली है. उनकी रिहाई के लेकर बीजेपी भी सरकार पर आरोप लगा रही है और कह रही है कि आनंद मोहन की आड़ में कई कैदियों को रिहाह कर दिया गया है. जो की जंगलराज की शुरुआत है.
HIGHLIGHTS
- रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
- आजीवन कारावास की सजा भी काट रहे थे आनंद मोहन
- कानून में संसोधन कर उन्हें जेल से कर दिया गया रिहाह
Source : News State Bihar Jharkhand