बिहार के राजगीर स्थित सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां डीआईजी ने एक सिपाही पर खौलता पानी फेंक दिया. इस घटना में सिपाही बुरी तरह से झुलस गया है. बताया जा रहा है कि खौलते पानी की वजह से जवान के चेहरे की चमड़ी झुलसकर हट गई. फिलहाल इलाज के लिए जवान को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. डीआईजी पर जवान का मोबाइल फोन भी छीनने का भी आरोप है. आरोपी डीआईजी का नाम डीके त्रिपाठी बताया जा रहा है.
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सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, राजगीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रशिक्षण केंद्र पर 64 बटालियन के जवान अमोल खराट अटैच ड्यूटी के तहत कार्यरत हैं. इस केंद्र पर परीक्षाएं संचालित हो रही थीं. परीक्षाएं के लिए बनाए गए बोर्ड में बाहर से भी कई अधिकारी आए हुए थे. पीड़ित अमोल की ड्यूटी जीओ मैस में थी. यहां आए एक डीआईजी मैस में पहुंचे तो वो किसी बात पर गुस्सा हो गए. सूत्र बताते हैं कि डीआईजी ने गर्म पानी मंगाया था. जिसके बाद उन्हें एक थर्मस में गर्म पानी दे दिया गया. तभी डीआईजी साहब ने कथित तौर पर गुस्से में जवान के ऊपर वह पानी फेंक दिया.
इस घटना में जवान का चेहरा, गर्दन और छाती झुलस गए. चेहरे की चमड़ी झुलसकर हट गई. हालांकि जर्सी पहनने की वजह से जवान की छाती पर ज्यादा घाव नहीं बने. सीआरपीएफ मुख्यालय ने इस घटना की पुष्टि की. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सही है. साथ ही उन्होंने कहा कि डीआईजी ने जब थर्मस खोलकर वह पानी पीया था, तो उनका मुंह जल गया था और इसी बात को लेकर वो गुस्सा हो गए थे. इसके बाद डीआईजी ने जवान अमोल को बुलाया और पानी जांचने के लिए कहा था.
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अधिकारी ने बताया कि जब जवान पानी पीने लगा, तो वह उसके ऊपर गिर गया. जिसकी वजह से जवान अमोल खराट झुलस गया. उधर, आरोप यह भी है कि डीआईजी ने जवान का मोबाइल छीन लिया है. इसके अलावा जवान पर दबाव डालकर यह बोलने का प्रयास हो रहा है कि गलती से थर्मस में भरा गर्म पानी उसके ऊपर गिर पड़ा. हालांकि मामले की जांच की जा रही है. जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही तय हो पाएगा कि आखिर घटना क्या थी?
Source : News Nation Bureau