एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, दूसरी तरफ उनके सहयोगी दलों लोजपा और जदयू में घमासान मचा हुआ है. बिहार (Bihar) में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड ने शनिवार को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गठबंधन सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) द्वारा की गई परोक्ष टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. जदयू ने चिराग पासवान को संभलकर बोलने की नसीहत दी है.
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जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने साफ-साफ कहा कि चिराग को आपत्तिजनक वक्तव्य से परहेज की करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नीतीश कुमार के नाम का ऐलान पहले ही हो चुका है. केसी त्यागी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तीनों ने कई मौकों पर इस बात का ऐलान किया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.' त्यागी ने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर पहले ही फैसला हो चुका है.
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उधर, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ही 'बिहार के 12 करोड़ लोगों के लिए विश्वसनीय चेहरा' हैं और राज्य में राजग को उनके नेतृत्व के लिए पासवान के पिता और लोजपा के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान से भी मंजूरी मिली थी. उन्होंने कहा, 'लोगों के दिमाग में नीतीश कुमार की स्वीकार्यता को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. ना ही लोगों को ऐसे बयान देने चाहिए जिनसे संशय पैदा होता हो.'
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बता दें कि एक साक्षात्कार में लोजपा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिहार सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए प्रवासी संकट से निपटने के लिए किए गए उपायों को लेकर असंतोष व्यक्त किया था. क्या पासवान पिछले 15 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाल रहे नीतीश कुमार की जगह किसी और को देखना चाहेंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह भाजपा के हर फैसले के साथ हैं. यही नहीं, उन्होंने बिहार सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए प्रवासी संकट से निपटने के लिए किए गए उपायों को लेकर असंतोष व्यक्त किया था. लोजपा प्रमुख के इस बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई है.
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