लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. राज्यसभा सांसद रहने के दौरान एलटीसी घोटाला मामले में दोषी पाए जाने के बाद उनकी सदस्यता को रद्द किया गया है. अनिल सहनी को भ्रष्टाचार और जालसाजी से जुड़े एक मामले में दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दो साल की सजा सुनावई है. सिर्फ अनिल सहनी को ही नहीं बल्कि एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट ट्रैफिक एनएस नायर और अरविंद तिवारी को भी उनका साथ देने के दोष में तीन-तीन साल की सजा सुनाई है.
अनिल सहनी और एयर एंडिया के अधिकारियों को एलटीसी घोटाले में दोषी पाने पर सजा सुनाई गई है. दरअसल ये मामला 2013 के उस समय का जब अनिल सहनी जेडीयू से राज्यसभा सांसद थे. सीवीसी ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. 29 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने अनिल सहनी और एयर एंडिया को दो पूर्व अधिकारियों को दोषी करार दिया था. सजा के साथ-साथ तीनों पर संयुक्त रूप से 3 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, अनिल सहनी पर बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लेने का आरोप लगा था. 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई इसको लेकर मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि अनिल सहनी ने दूसरे लोगों के साथ साजिश के तहत जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसके सहारे राज्यसभा को 23.71 लाख रुपये का चूना लगाया. जांच में ये भी बातें सामने आई कि अनिल सहनी ने फर्जी टिकट के सहारे अपनी यात्रा दिखायी, जबकि उन्होंने कोई यात्री ही नहीं की थी.
CBI की जांच में क्या मिला?
सहनी ने टीए बिल के दो सेट पेश किए.
राज्यसभा से 23.71 लाख रुपये का दावा किया था.
एक सेट में मार्च 2012 में सांसद और 9 साथियों का नाम दिया.
20 फर्जी ई-टिकट और 40 बोर्डिंग पास पेश किए थे.
फर्जी ई-टिकट दिल्ली-चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर वापसी यात्रा के लिए थे.
दूसरे सेट में दिसंबर 2012 में सहनी व उनके छह साथियों का नाम दिया.
7 जाली ई-टिकट और 21 बोर्डिंग पास पेस किए थे.
7 नकली टिकटों का सेट दिल्ली-कोलकाता-पोर्ट ब्लेयर मार्ग पर वापसी यात्रा के लिए था.
कुल मिलाकर अनिल सहनी की विधानसभा सदस्यता जाने के बाद बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल आरजेडी पर और सूबे के सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को बैठे बिठाए एक बार फिर से तंज कसने का मौका मिल गया है. मामला सामने आने के बाद अनिल सहनी के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग से शिकायत की गई थी. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. उसके बाद सीबीआई ने अनिल सहनी और अन्य लोगों के खिलाफ 2013 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई ने पाया कि अनिल सहनी ने एयर इंडिया के दो अधिकारियों के साथ मिलकर जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसे राज्यसभा में जमा कर 23.71 लाख रुपये ले लिए और अब इन्ही 23 लाख रुपयों की कीमत अनिल सहनी को अपनी विधानसभा सदस्यता यानि विधायक की कुर्सी खोकर चुकानी पड़ी है.
रिपोर्ट : आदित्य झा
Source : News State Bihar Jharkhand