बिहार (Bihar) में कोरोना के संक्रमण काल में अब एक्यूट इंसेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) ने भी पांव पसारना प्रारंभ कर दिया है. इस वर्ष अभी तक ना गर्मी तेज हुई है और ना ही लीची का टूटना शुरू हुआ है, फिर भी एईएस का आ धमकना चिंता का सबब बन गया है. मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को एईएस से एक बच्ची की मौत हो गई. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के एक चिकित्सक ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार को एईएस (AES) से जिले के औराई प्रखंड के कल्याणपुर की आठ वर्षीया चांदनी कुमारी की मौत हुई. तेज बुखार के बाद उसे तीन दिन पहले यहां भर्ती कराया गया था.
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चिकित्सकों ने कहा कि बुधवार को भी सकरा प्रखंड के वाजिदपुर की रहने वाली रवीना की मौत हुई थी. चिकित्सकों के मुताबिक इसके नमूने जांच के लिए भेजे गए है, जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एस. के. शाही ने बताया कि चांदनी एईएस की मरीज थी,जबकि दूसरी मृत बच्ची में एईएस की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि अब तक जिले के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में एईएस पीड़ित 23 बच्चों का इलाज हुआ, जिसमें पांच की मौत हुई है.
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इससे पहले 28 अप्रैल को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में एईएस बीमारी के कारण दो जुड़वां बच्चियों की मौत हुई थी. दोनों बहनों को 24 अप्रैल को गम्भीर स्थिति में आईसीयू में भर्ती कराया गया था. दोनों की उम्र चार साल थी. दोनों बहनें मुजफ्फरपुर के मुसहरी प्रखंड के चक्की रोशनपुर गांव की थीं. एक महीने के भीतर इस अस्पताल में एईएस से यह तीसरी मौत थी. 29 मार्च को तीन वर्षीय आदित्य कुमार की एईएस के कारण एसकेएमसीएच में मौत हो गई थी.
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