बिहार में कैसी शराबबंदी... अब नालंदा में 9 को संदिग्ध जहरीली शराब ने लीला

मुख्यमंत्री के गृह जिले में ऐसी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद और नालंदा (सदर) डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी मौके पर पहुंच कर परिजन से जानकारी ले रहे हैं.

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Nihar Saxena
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Hooch Tragedy

फिलहाल स्थानीय प्रशासन नहीं मान रहा शराब से हुईं मौत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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बिहार में ऐसा लगता है कि महज कहने को पूर्ण शराबबंदी लागू है. अब नालंदा जिले के सोहसराय थाना क्षेत्र में पिछले 24 घंटे के दौरान कम से कम 9 लोगों की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. परिजन शराब पीने से हुई मौत बता रहे हैं, जबकि पुलिस बीमारी से मौत बता रही है. फिलहाल पांच मौतों को परिवार वाले जहरीली शराब को बता रहे हैं. शराबबंदी के इस दावे के बीच सत्ताधारी भाजपा-जदयू गठबंधन में ही तलवारें खिंची दिख रही है. भाजपा जहां इस मसले पर आईना दिखा रही है, तो जदयब के नेता नसीहत देने से नहीं चूक रहे. 

मुख्यमंत्री के गृह जिले में ऐसी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद और नालंदा (सदर) डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी मौके पर पहुंच कर परिजन से जानकारी ले रहे हैं. अभी तक जहरीली शराब पीने से मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है. नोमानी ने शनिवार को बताया कि सोहसराय थाना इलाके के छोटी पहाड़ी और पहाड़ तल्ली मोहल्ला में संदेहास्पद स्थिति में 5 लोगों की मौत हो गयी है.

उन्होंने बताया कि अन्य 3 मृतकों की तबियत खराब थी, जिसका इलाज चल रहा था. उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों की जानकारी मिल पाएगी. इधर सभी मृतकों के परिजन शराब पीने के बाद तबियत बिगड़ने से मौत की बात बता रहे हैं. स्थानीय लोग भी आस पास के इलाके में चुलाई शराब बनाने की बात बता रहे हैं. उल्लेखनीय है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है.

इस बीच बिहार में नेता भले ही दावा करे कि सत्ताधारी गठबंधन में सबकुछ ठीक चल रहा, लेकिन ऐसा दिख नही रहा है. सम्राट अशोक को लेकर भाजपा और जदयू में हुई तनातनी के बाद अब शराबबंदी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जहां जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा के एक बयान पर 'आईना' दिखाने की कोशिश की, तो जदयू ने भी उन्हें नसीहत देने में देर नहीं की. भाजपा सांसद जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट करते हुए जदयू को नसीहत दी, 'मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपनी पंचायत के ही किसी आम व्यक्ति से संपर्क कर लीजिए. शराबबंदी और पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी.'

जायसवाल के इस बयान के बाद जदयू प्रवक्ता झा ने कहा कि क्या यह समझा जाए कि संजय जायसवाल शराबबंदी के खिलाफ जो बोल रहे हैं, वह भाजपा का स्टैंड है? दरअसल उनके बयान से यह साफ मालूम हो रहा कि उन्होंने पूर्व में दिए गए अपने दो विरोधाभासी बयान पर सफाई देने की कोशिश की है. उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि सम्राट अशोक के खिलाफ अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिन्हा से पुरस्कार वापसी की मांग के समर्थन में हैं या नहीं? जायसवाल इससे पहले भी शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की बात कर चुके हैं. इस बीच राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी (सुमो) ने राजग घटक दलों से बयानबाजी बंद करने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि घटक दलों में बयानबाजी बंद होनी चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • फिलहाल शराब से मौतों पर चुप्पी साधे प्रशासन
  • जदयू और बीजेपी में पहले से खिंची हैं तलवारें
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आएगी सच्चाई
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