बिहार के अररिया जिले में एक 'रहस्यमयी बुखार' से हाहाकार मच गया है. इसकी वजह से अब तक तीन बच्चों की जान जा चुकी है. मृतकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चों की मौत एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) की वजह से हुई है. स्थानीय लोग इसे 'चमकी बुखार बता रहे हैं'. हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि चिकित्सा विशेषज्ञ इन मौतों के पीछे के सटीक कारण का पता लगाने में जुटे हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला रानीगंज गांव का बताया जा रहा है. मृतकों की पहचान रौनक कुमार (4), अंकुश कुमार (2 महीने) और गौरी कुमार (7) के रूप में हुई है. रौनक कुमार की मौत शनिवार को हुई, जबकि अंकुश कुमार और गौरी कुमार की मौत क्रमशः रविवार और सोमवार को हुई. ग्रामीणों ने दावा किया कि रहस्यमयी बुखार से पीड़ित कई बच्चों का नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं गांव में तीन बच्चों की मौत के बाद लोग दहशत में आ गए हैं.
DM ने कही ये बात
अररिया के डीएम इनायत खान ने इस मामले को लेकर कहा कि यह सच है कि पिछले तीन दिनों में रानीगंज गांव में तीन बच्चों की जान गई है. मृतक बच्चों के परिजनों का कहना है कि बच्चे खांसी-जुकाम और निमोनिया जैसे लक्षणों से जूझ रहे थे. ऐसे में अब चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गांव में भेजी गई है, जो स्थिति का विश्लेषण करने, खांसी-जुकाम और निमोनिया जैसे लक्षणों से पीड़ित अन्य लोगों का पता लगाएगी.
लगातार हो रही है निगरानी
जिलाअधिकारी ने आगे बताया कि अररिया जिले के सिविल सर्जन स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं. फिलहाल, बच्चों की मौत का सही कारण पता नहीं चल सका है, क्योंकि परिवार के सदस्यों ने पहले ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया. उसी गांव के तीन और बच्चे निमोनिया जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टर लगातार उनकी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. हालांकि बच्चों की मौत के पीछे का क्या कारण है इसका पता सिर्फ चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद ही मालूम हो सकेगा.