उपेंद्र कुशवाहा की बैठक पर 'रार', उमेश कुशवाहा बोले-कोई गया तो होगी कार्रवाई
बिहार की राजनीति में हलचल दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बाद अब JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं.
बिहार की राजनीति में हलचल दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बाद अब JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. पहले तो बात सिर्फ वार-पलटवार तक टिकी थी, लेकिन अब तो मामला शक्ति प्रदर्शन तक पहुंच चुका है. उपेंद्र कुशवाहा ने दोनों दलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अब इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक भी बुलाई है. इसके लिए उन्होंने पत्र लिखकर पार्टी कार्यकर्ताओं को बुलाया.
उपेंद्र कुशवाहा 19 और 20 फरवरी को पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है. उनके इस निर्णय के बाद JDU उनके हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अपने सभी राजनीतिक सीमा पार कर चुके हैं. JDU मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संघर्ष के बाद बनी हुई पार्टी है. JDU के सभी नेता एकजुट होकर नीतीश कुमार में विश्वास रखते हैं.
उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अवसरवादी पर स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं. JDU में शामिल होने के बाद वे लगातार महात्मा फूले परिषद संगठन से अपने कार्यकर्ताओं को जोर के रखा था. अब उनका राजनीतिक जमीन खत्म हो चुका है. पार्टी के प्लेटफार्म पर बात न रख कर मीडिया में अपनी बात रख रहे हैं. सभी राजनीतिक मर्यादाओं को उपेंद्र कुशवाहा भूल गए हैं. 19 और 20 फरवरी को उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलाए गए बैठक पर पार्टी की नजर है. कौन-कौन से नेता और कार्यकर्ता उसमें शामिल होते हैं, उस पर पार्टी नजर रखी हुई है.
कुशवाहा के लिए क्या नहीं किया- सीएम वहीं, उपेन्द्र कुशवाहा मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने खुलकर बोला. उन्होंने कहा कि इस आदमी के लिए उन्होंने क्या नहीं किया..विधायक बनाया...विधायक दल का नेता बनाया. उसके बाद ये पार्टी छोड़कर चले गये. दूसरी बार फिर राज्यसभा भेजे और तीसरी बार विधानपरिषद भेजा. वे खुद पार्टी में रहकर काम करने आये थे, लेकिन आजकल जिस तरीके की भाषा बोल रहे हैं उसे सुनकर आश्चर्य हो रहा है. उनको पार्टी ने बहुत सम्मान दिया है.