अरवल के लोग जहां पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. आधा सावन बीत चुका है, लेकिन बारिश नहीं हुई है. ऐसे में भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. जिससे हैंड पंप में पानी नहीं आ रहा. वहीं, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की बात करें, तो धरालत पर वो भी दम तोड़ चुकी है. जब मौसम की बेरुखी और प्रशासन की लापरवाही की दोहरी मार जनता पर पड़ती है तो क्या हाल होता है, ये कोई अरवल के ग्रामीणों से पूछे. जहां ना तो बारिश हुई है और ना ही प्रशासन की ओर से पानी का कोई इंतजाम किया गया है. नतीजा, लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं.
बूंद-बूंद पानी पर आफत
सोनभद्र वंशी सूर्यपुर प्रखंड के अनुआं गांव से तस्वीरें सामने आई है, जहां जल संकट लोगों को डराने लगा है. आधा सावन बीतने के बाद भी इंद्रदेव की बेरुखी से पहले ही भू-जल स्तर नीचे चला गया है. लिहाजा हैंड पंप से पानी आना बंद हो चुका है. प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना तो उसपर अधिकारी पहले ही पलीता लगा चुके हैं. अब आलम ये है कि लोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल पा रहा है.
सरकारी योजनाओं पर लगा पलीता
गांव में नल जल की टंकी भी टूट गई है. गांव के लोग सरकारी चापाकल से पानी भरकर लाते हैं. तब जाकर लोगों को पानी नसीब हो पाता है. बच्चे भी पानी के लिए घंटों कतार में लगे रहते हैं, जिसके चलते वो स्कूल भी नहीं जा पाते. जल संकट को लेकर ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की है, लेकिन आज तक शिकायत पर सुनवाई नहीं की गई है. गांव में सरकार की ओर से चलाई जाने वाली तमाम योजनाएं दम तोड़ रही है क्योंकि सरकार ने तो योजना बना दी, लेकिन जिन अधिकारियों पर इनके संचालक का जिम्मा था, वो अपनी जिम्मेदारी भूल चुके हैं. प्रशासन की इसी लापरवाही का दंश आम जनता झेलने को मजबूर है.
HIGHLIGHTS
- बारिश ना होने से लोग परेशान
- सरकारी योजनाओं पर लगा पलीता
- सिर्फ शोभा बढ़ा रही पानी की टंकी
Source : News State Bihar Jharkhand