Bihar Political News Today: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सभी पार्टियों की टेंशन बढ़ा दी है. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के एक महीने के भीतर, जेडीयू ने शनिवार को नई दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब राज्य में भाजपा के एक वर्ग की मांग है कि पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए. हालांकि, जदयू और भाजपा नेताओं ने दोनों दलों के बीच संभावित अविश्वास के दावों को खारिज कर दिया है.
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दिल्ली में नीतीश कुमार की सक्रियता
नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है. इस बैठक में पार्टी के कई बड़े नेता और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
बिहार के दो बड़े नेता: बढ़ी जिम्मेदारियां
नीतीश कुमार के दिल्ली जाने के साथ ही बिहार के दो बड़े नेताओं की जिम्मेदारियां बढ़ा दी गई हैं. भाजपा के सम्राट चौधरी और जेडीयू के विजय कुमार चौधरी को महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी गई हैं. इन दोनों नेताओं की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी.
सम्राट चौधरी और विजय कुमार चौधरी की नई भूमिका
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद का सदस्य नामित किया गया है. इसके अलावा, गृह विभाग के प्रधान सचिव को अतिरिक्त सलाहकार के रूप में नामित किया गया है. गृह विभाग की विशेष शाखा ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.
क्षेत्रीय परिषद का कार्यक्षेत्र
वहीं क्षेत्रीय परिषद का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक है. इसके तहत बुनियादी ढांचे, माइनिंग, जल आपूर्ति, पर्यावरण और वन और राज्य-पुनर्गठन के साथ-साथ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), दूरसंचार/इंटरनेट के व्यापक विस्तार और सामान्य क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की जाती है. यह परिषद राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है.
राजनीतिक समीकरण और नीतीश कुमार की भूमिका
नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा और जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक ने बिहार के राजनीतिक समीकरणों को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है. भाजपा के एक वर्ग की मांग के बावजूद, जदयू और भाजपा नेताओं ने दोनों दलों के बीच संभावित अविश्वास को खारिज किया है. नीतीश कुमार की राजनीतिक कुशलता और उनके नेतृत्व में जेडीयू की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
नतीजे और संभावनाएं
आपको बता दें कि इस बैठक के नतीजे क्या होंगे और इसका बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार और जेडीयू की रणनीति राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सम्राट चौधरी और विजय कुमार चौधरी की नई जिम्मेदारियों के साथ बिहार की राजनीति में नई दिशा और ऊर्जा की उम्मीद की जा रही है.
HIGHLIGHTS
- CM के दिल्ली रवाना होते ही इन नेताओं की बढ़ी जिम्मेदारी
- दिल्ली में नीतीश कुमार की सक्रियता
- सियासत में कुछ बड़ा होने का संकेत
Source : News Nation Bureau