ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिक संशोधन कानून (सीएए) लागू कर सरकार देश के अंदर फूट डालना चाहती है. उन्होंने कहा कि इस कानून का जबर्दस्त विरोध किया जाएगा. बिहार के किशनगंज के रुईदासा मैदान में 'संविधान बचाओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन कानूनों के जरिए बाबा साहेब और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सपनों को तोड़ रही है.
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उन्होंने कहा, 'ये मसला केवल मुसलमानों के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ लोगों का मसला है. इस पर हम लोगों को गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसका विरोध लगातार किया जाएगा.' ओवैसी ने मोदी पर मुसलमानों से नफरत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के मुसलमानों ने भी आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी थीं. उन्होंने किसी से नहीं डरने की बात करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने संविधान लागू करते समय इस बात का जिक्र किया था कि यह देश किसी एक खास मजहब के लोगों का नहीं, बल्कि सभी मजहब को मानने वालों का होगा.
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उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर पीएम (प्रधानमंत्री) मोदी को देश के मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूं है? क्या वे देश की तरक्की में बराबर के हिस्सेदार नहीं हैं? ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि असम में इस कानून के तहत बांग्ला भाषा बोलने वाले पांच लाख लोगों को डिटेंशन कैंपों में रखा गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा, 'सुशासन बाबू, भारत के संविधान को खराब करने के लिए देश आपको कभी माफ नहीं करेगा. संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और नीतीश कुमार आंखें बंद किए बैठे हैं.' ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के संन्यासी मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए निशाना साधा.
Source : IANS