बिहार के गया जिले में कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी आवास पर एक नीलामी का इश्तेहार चिपकाया गया है. 43 साल पुराना यह मामला से क्षतिपूर्ति जुड़ा है, इसमें डीएम के सरकारी आवास को नीलाम करने के संबंध में कोर्ट ने आदेश जारी किया है. सैयद वसीम उद्दीन अहमद बनाम बिहार स्टेट एंड अदर्स के बीच चल रही सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया गया. डीएम आवास को नीलाम किए जाने संबंधी न्यायिक पत्र जारी किया गया है.
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दरअसल, साल1976 में पीर मंसूर रोड के पास उनके पिता नसीम गोरगनवी की शस्त्रों की दो दुकानें थी. एक नसीम एंड कंपनी औक दूसरा जनता आर्म्स स्टोर था. दुकान में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन डीएम ने कार्रवाई की और दुकानों को सील कर दिया था. शस्त्र बेचने का लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया गया था. दुकान में रखे हथियार को भी जब्त कर लिया गया और उनके पिता को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही कोर्ट में यह मुकदमा चलता रहा.
साल 1982 में उनके पिता मुकदमा जीत गए थे. 1985 में शस्त्र दुकान के लाइसेंस के लिए स्टोर के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. 1995 में लाइसेंस रि-स्टोर हो गया. इस बीच उनके पिता का देहांत 1993 में हो गया, लेकिन जब्त शस्त्र उन्हें नहीं मिले. शस्त्र की वापसी के लिए कोर्ट ने डीएम को शस्त्र के बदले पैसे देने का निर्देश दिया. दो किस्तों में 57,310 रुपये मिले, जिस पर असंतोष जाहिर करते हुए जिला न्यायालय में गुहार लगाई गई.
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कोर्ट में सुनवाई के दौरान 2017 में जिलाधिकारी द्वारा 57310 रुपये के अलावा 904975.71 रुपये देने का निर्देश जारी किया गया था. पैसे नहीं दिए जाने पर उन्होंने डीएम आवास को नीलाम कर उनके पैसे दिलाए जाने संबंधी अपील की थी, जिस पर सुनवाई जारी है. फिलहाल मामला हाईकोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया में है.
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