बिहार के औरंगाबाद जिले में रामनवमी के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए बीजेपी कार्यकर्ता अनिल सिंह पुलिस हिरासत से गुरुवार को फरार हो गए।
औरंगाबाद हिंसा के आरोप में 148 व्यक्तियों के नाम के साथ बीजेपी कार्यकर्ता का नाम मुख्य रूप से दर्ज था।
बीजेपी कार्यकर्ता के फरार होने पर औरंगाबाद पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस पूरे मामले में जो भी लापरवाह पुलिसकर्मी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल सिंह एक हिंदू सेवा समिति नाम के संगठन से भी जुड़ा हुआ है। इससे पहले भी सिंह को 2016 में हुई एक हिंसा में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें सिंह का नाम शामिल था।
बता दें कि 25 मार्च को औरंगाबाद के नवाडीह कॉलोनी में उस वक्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब दंगाईयों ने 20 से अधिक दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया और पत्थरबाजी की।
इसके बाद दोनों समुदायों की तरफ से हथियार चलाए गए और पत्थरबाजी की गई, जिसमें कई लोगों के घायल हुए थे। वहां पर हुई हिंसा की ताजा वारदात में दर्जनों दुकानें आग में जलकर खाक हो गईं थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 25 मार्च को औरंगाबाद के ओल्ड जीटी रोड में दंगाईयों ने जामा मस्जिद के पास स्थित करीब 50 दुकानों को जला दिया, वहीं बदमाशों के द्वारा पत्थरबाजी में 20 पुलिसकर्मियों सहित करीब 60 लोग घायल हो गए थे।
25 मार्च को शुरू हुई घटना के बाद हर दिन जिले में छिटपुट घटनाएं हो रही हैं। औरंगाबाद के अलावा नवादा, समस्तीपुर, भागलपुर, गया, कैमूर और सीवान से भी अलग-अलग मामलों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं।
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Source : News Nation Bureau