एक तरफ रेप पीड़िता इंसाफ के लिए पुलिस की शरण में जाती है और उम्मीद करती है कि उसके साथ खाकी इंसाफ करेगी लेकिन दूसरी तरफ खाकी रेप के आरोपियों के साथ उन्हें बचाने के नाम पर सौदा करने लगती है. ताजा मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा था लेकिन निगरानी विभाग ने सारा खेल खराब कर दिया. वैसे तो सौदा हो चुका था और थानेदार के द्वारा अपनी खुद्दारी की कीमत 20,000 लगा दी गई थी और रिश्वत लेने के लिए भी पहुंच गए थे लेकिन पहले से ही जाल बिछाकर वहां निगरानी विभाग के अधिकारी मौजूद थे और थानेदार को 20,000 रुपए लेते रंगेहाथ धर तबोदा.
मिली जानकारी के मुताबिक, औरंगाबाद के उपहारा थाने के थानाध्यक्ष आनंद कुमार गुप्ता ने हमीदनगर गांव में रेप के मामले में आरोपित का नाम हटाने को लेकर रिश्वत की डिमांड की थी. मामले की शिकायत आरोपी युवक ने पटना निगरानी विभाग से कर दी थी. निगरानी विभाग द्वारा मामले की जांच की गई और आरोपी युवक के आरोपों को सही पाया. बस फिर क्या था निगरानी विभाग के द्वारा टीम का गठन किया गया और थानेदार को दबोचने के लिए जाल बिछा दिया गया. जैसे ही थानेदार ने रिश्वत के पैसे हाथ में लिए वैसे ही निगरानी विभाग ने उन्हें धर दबोचा.
सादे लिबास में निगरानी विभाग की टीम उपहारा पहुंची थी और जैसे ही रिश्वतखोर थानेदार ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली वैसे ही निगरानी विभाग की टीम ने हमला बोल दिया. निगरानी विभाग द्वारा थानेदार को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है. वहीं, दूसरी तरफ आरोपी थानेदार आनंद कुमार को लेकर निगरानी विभाग की टीम पटना रवाना हो गई है. उसे पटना के निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई
- रिश्वतखोर थानेदार को किया गिरफ्तार
- औरंगाबाद जिले के उपहारा थाने के SHO को रंगेहाथ किया गिरफ्तार
- रेप के आरोपी को बचाने के लिए ले रहा था 20,000 रुपए
Source : News State Bihar Jharkhand