बिहार में इस साल मानसून ने किसानों को काफी निराश कर दिया. राज्य में अब तक औसत बारिश की तुलना में 30 फीसदी ही बारिश हुई है. बारिश नहीं हुई तो जुलाई और अगस्त में बाढ़ के लिए बदनाम राज्य की नदियों का जलस्तर भी शांत है. नदियों में अब तक वह उफान नहीं आया है, जो यहां की नदियों की पहचान है. बिहार की सभी प्रमुख नदियां अगस्त महीने में भी शांत हैं. इस साल राज्य के किसी भी क्षेत्र में गंगा नदी एक भी बार खतरे के निशान को नहीं पार की है. नेपाल में हुई बारिश के कारण कोसी के जलस्तर में डेढ़ महीने पूर्व उफान दिखा था, लेकिन उसके बाद बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी भी अपने व्यवहार के तुलना में शांत है.
हालांकि कोसी नदी शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के बसुआ में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक राज्य की सभी प्रमुख नदियां गंगा, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, पुनपुन, घाघरा, खिरोइ नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल इसी अवधि में गंगा नदी बक्सर, पटना के दीघाघाट, गांधी घाट और हाथीदह के अलावा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी.
विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि बीरपुर बराज में कोसी का जलस्तर शुक्रवार को अपराह्न दो बजे 1.65 लाख क्यूसेक था, जबकि वाल्मीकीनगर बराज में गंडक का जलस्तर मात्र 77 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. सोन नदी के इंद्रपुरी बराज पर शुक्रवार को जलस्तर 10239 क्यूसेक दर्ज किया गया. बताया जाता है कि फल्गु नदी के ऊदेरास्थान बराज में इस साल पानी नहीं है.
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