बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आने पर चाहे कितनी ही राजनीति हुई हो, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि लाखों लोग उन्हें सुनने और उनकी एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े. स्थिति ये थी कि जैसे ही पटना के होटल पनाश से नौबतपुर जाने के लिए बाबा बाहर निकले, वैसे ही हजारों लोगों की भीड़ उन्हें सड़क पर ही घेर लेती थी और उनके साथ साथ चलने लगती थी. इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी अपने भक्तों को प्यार से आशीर्वाद देते हुए नजर आते थे. बाबा और उनके भक्तों के बीच का ये पवित्र रिश्ता कैसा है ये एक बार फिर देखने को मिला। आज जब बाबा अपने पूरे काफिले को एक दिव्यांग व्यक्ति के लिए रुकवा दिया और उससे खूब प्यार से बात करके आशीर्वाद दी. यह दृश्य देखते ही बाबा की सादगी और अपने भक्तों के प्रति स्नेह देखने लायक था.
आपको बता दें कि हनुमंत कथा के चौथे दिन बाबा नौबतपुर के तरेत मठ के लिए निकले और लाखों लोगों ने उनसे आशीर्वाद लिया और बाबा ने खूब स्नेह के साथ सबको आशीर्वाद दिया पर जैसे ही उनका कारवां आगे बढ़ा, उसी बीच पटना एम्स से आगे नौबतपुर रोड पर कड़ी धूप में बैठे अपने गुरु जी पंडित धीरेंद्र शास्त्री का इंतजार कर रहे एक दिव्यांग व्यक्ति को देख हर कोई हैरान रह गया.
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बता दें कि सड़क किनारे तेज धुप में एक दिव्यांग व्यक्ति व्हील चेयर पर बैठे बाबा का इंतजार कर रहे व्यक्ति के पास से जब बाबा के काफिले की गाड़ियां गुजरने लगीं तो उस दिव्यांग व्यक्ति ''बाबा-बाबा'' चिल्लाने लगा, जिसको सुनकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की नजर उस दिव्यांग व्यक्ति पर पड़ी. उसके बाद बाबा ने अपनी गाड़ी को रूकवा, जिसके बाद उनका काफिला भी रुक गया. इसके साथ ही बाबा की गाड़ी दिव्यांग व्यक्ति के पास पहुंची. फिर बाबा ने अपना हाथ उस दिव्यांग व्यक्ति की ओर बढ़ाया और उसके हाथों में फूल दे दिया.साथ ही दिव्यांग को साथ लाने वाले व्यक्ति से बाबा ने बागेश्वर धाम आने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे बिहार आते रहेंगे. इसके बाद बाबा का काफिला नौबतपुर की ओर बढ़ा गया.
आपको बता दें कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने मंच पर बिहार और बिहार के लोगों की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि, ''बिहार के लोगों के अंदर भक्ति दिखती है, ऐसी भक्ति शायद कहीं और नहीं मिलेगी. यही वजह है कि अब मैं बिहार का हो गया हूं. बिहार अब मेरा आना-जाना लगा रहेगा. बिहार में इस के बाद गया आऊंगा और उसके बाद वापस पटना आऊंगा. इसके साथ ही बिहार में जो बात है वह कहीं और नहीं है.'' साथ ही उन्होंने कहा कि, ''बिहार के लोग अगर अपनी संस्कृति ना भूलें तो वह पूरे देश पर राज कर सकते हैं.''
HIGHLIGHTS
- दिव्यांग भक्त की गुहार सुन बीच सड़क पर रुका बाबा का काफिला
- फूल देकर कहा-मैं बिहार आता रहूंगा
- अब हो रहा ये फोटो वायरल
Source : News State Bihar Jharkhand