'मेरे भाई की लाश मुझे दे दो...', बड़े भाई की प्रशासन से फरियाद

हादसे वाले दिन सुभाष सहनी के गांव के 10 लोग ट्रेन में यात्रा कर रहे थे. हादसे में 8 लोगों को चोटें आईं और 1 व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन राजा के बारे में अबतक कुछ भी पता नहीं चल पाया है.

author-image
Shailendra Shukla
New Update
hadsa

इस दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हुई है( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

बालासोर ट्रेन हादसे में एक और बड़ी ज्यादती का मामला सामने आया है. दरअसल, अपने प्रियजनों को ढूढने के लिए बिहार के लोग बालासोर पहुंच रहे हैं लेकिन स्थानी प्रशासन द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है. सिर्फ डीएनएए लेकर परिजनों को जाने के लिए कहा जा रहा है और कहा जाता है कि तीन-चीर दिन के बाद उनके परिजनों के बारे में बताया जाएगा. कुछ ऐसा ही हुआ है सुभाष सहनी के साथ. दरअसल, मोतिहारी के निवासी सुभाष सहनी के छोटे भाई राजा भी हादसे वाले दिन कोरोमंडल एक्सप्रेस में ही यात्रा कर रहे थे.  हादसे वाले दिन सुभाष सहनी के गांव के 10 लोग ट्रेन में यात्रा कर रहे थे. हादसे में 8 लोगों को चोटें आईं और 1 व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन राजा के बारे में अबतक कुछ भी पता नहीं चल पाया है.

सुभाष सहनी बताते हैं कि बालासोर तक जाने के लिए उन्होंने और उनके परिजनों द्वारा एक प्राइवेट वाहन 40,000/- में किया गया. वहां चार दिन रुकने के बाद भी राजा का कुछ पता नहीं चल सका. हमारे पास इतने पैसे नहीं थी कि हम वहां और रुक पाते. हमें बिहार सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली. सुभाष सहनी ने कहा कि 2 दिन रुकने के बाद स्थानीय प्रशासन व मेडिकल टीम द्वारा हमारा डीएनए लिया गया और कॉल का इंतजार करने को कहा गया. 

ये भी पढ़ें-Bihar News: दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राजनाथ सिंह, 750 छात्रों को सौंपी डिग्री

किसी और ने बॉडी की पहचान कर ली है..

सुभाष ने कहा कि हम फिर से बालासोर गए और राजा की कई तस्वीरें भी अपने साथ लेकर गए. हमने बिहार सरकार की हेल्पलाइन और स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क किया.  हमने पटना पुलिस और स्थानीय प्रशासन से इस उम्मीद के साथ मदद मांगी की कम से कम मेरे भाई की बॉडी को ढूंढने में हमारी वो मदद करे. कई फोटो देखने के बाद मैंने अपने भाई की तस्वीर पहचान ली लेकिन प्रशासन द्वारा कहा गया कि जिसमें तुम अपने भाई की बॉडी बता रहे हो उस बॉडी के किसी और के द्वारा क्लेम किया गया है. आप डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने तक इंतजार करें और इसमें 4 दिन का समय लगेगा.

सुभाष कहते हैं कि शिकायत दर्ज कराने के बाद सिर्फ एक बार उनके पास कॉल आई थी कि क्या राजू मिल गया है? उसके बाद उनसे किसी ने भी राजू की बावत सम्पर्क नहीं किया. सुभाष ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की गई. 

बिहार के 48 लोगों की मौत

बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण बिहार के 48 लोगों की मौत हुई है और बहुत से लोग घायल हुए हैं. वहीं, अगर हादसे में कुल मृतकों की बात करें तो कुल मृतकों की संख्या 288 है जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं.

HIGHLIGHTS

  • कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में 288 लोगों की हुई है मौत
  • मृतकों में 48 लोग बिहार के भी शामिल
  • एक बालक राजू के शव का नहीं चल पाया है पता
  • भाई ने पहचानी लाश, प्रशासन ने देने से किया मना
  • DNA टेस्ट रिपोर्ट का प्रशासन कर रहा इंतजार
  • पहले भी कोई उसी बॉडी की कर चुका है पहचान

Source : News State Bihar Jharkhand

balasore-train-accident Motihari News Train Accident
Advertisment
Advertisment
Advertisment