अरवल सदर थाना में 75 के दशक में स्थापित की गई महात्मा गांधी की मूर्ति अब दिखाई नहीं दे रही है. थाने से बापू की मूर्ति को गायब कर दिया गया है. बापू अब थाने से कबाड़ खाने में पहुंच गए हैं. थाने से बापू की मूर्ति हटाए जाने के बाद जमकर सियासी बवाल मच गया है. अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों के द्वारा निंदा की जा रही है. समाजसेवियों के द्वारा मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से पत्र के माध्यम से शिकायत भी की गई हैं. बता दें कि आजादी के मतवालों ने देश आजाद होने के बाद अरवल थाने में बापू की मूर्ति स्थापित करवाई थी जिसका उद्घाटन मगध कमिश्नरी के कमिश्नर के द्वारा किया गया था. तब से प्रतिवर्ष बापू के जन्मदिन पर थाना अध्यक्ष एवं अन्य लोग प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते थे. लेकिन आज यहां बापू की प्रतिमा की जगह अब थाने की गाड़ी पार्क होती है.
1942 में शुरू हुई है भारत छोड़ो आंदोलन में 8 अगस्त 1942 को स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अरवल थाना को लूट लिया था और देश में पहली बार किसी भी थाना परिसर में तिरंगा फहराया गया था. उस समय झोपड़ी में थाना चलता था और लालटेन की रोशनी में चौकीदार पहरेदारी करता था. आज भी अरवल थाने का इतिहास बिहार स्टेट बुक किताब अतीत के भारत में पेज नंबर 205 पर अंकित है. इसमें अरवल थाना लूटने में एक क्रांतिकारी छात्र राम कृत सिंह भी अंग्रेज के गोली से शहीद हुए थे.
सामाजिक कार्यकर्ता सुएब आलम ने कहा कि बापू के साथ बापू के चाहने वाले लोगों के साथ यह बड़ी ज्यादती हुई है. देश गांधी के विचारों को अमल करती है और उसे अपना राष्ट्रपिता मानती है. 45 साल पहले थाने में बापू की प्रतिमा लगाई गई थी. थाना परिसर में लगी गांधी मूर्ति से छेड़छाड़ करना राष्ट्रद्रोह का मामला है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और पुलिस निदेशक को पत्र के माध्यम से इस मामले में जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है.
रिपोर्ट - सुनील कुमार
HIGHLIGHTS
- थाने से बापू की मूर्ति को किया गया गायब
- कबाड़ खाने में पहुंची बापू की मूर्ति
- बापू की प्रतिमा की जगह अब पार्क होती है थाने की गाड़ी
Source : News State Bihar Jharkhand