सोमवार को बवाना विधानसभा उपचुनाव का नतीजा आएगा। सुबह 8 बजे से अलीपुर के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग में वोटों की गिनती शुरु होगी। बवाना विधानसभा उपचुनाव में 8 उम्मीदवारों के भाग्य का फ़ैसला होना है, लेकिन असल मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच में है।
बता दें कि 23 अगस्त को इस क्षेत्र के लिए वोटिंग हुई थी जिसमें महज 45 फीसदी वोट ही पड़े। 2015 विधानसभा चुनाव में वेदप्रकाश 'आप' से जीतकर आए थे, लेकिन बाद में वो बीजेपी में चले गए।
इस उपचुनाव में आप की साख दांव पर लगी है। अरविंद केजरीवाल मोदी लहर के बीच दिल्ली में सरकार बनाने में कामयाब रहे थे। केजरीवाल सरकार बनने के बाद से कई मुद्दों को लेकर विवादों में रहे। कई बार केजरीवाल सीधे-सीधे मोदी और बीजेपी को निशाने पर लेते दिखे।
पटना के गांधी मैदान में आरजेडी की 'भाजपा भगाओ-देश बचाओ' रैली में दिखी विपक्षी एकता
इतना ही नहीं केजरीवाल अब तक यही दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार काम कर रही है और लोग काम के आधार पर उनकी सरकार का मुल्यांकन करेंगे। ऐसे में केजरीवाल के लिए ये उपचुनाव एक लिट्मस टेस्ट जैसा है, जिससे लोगों के बीच उनकी पार्टी और उनकी साख को लेकर जनता का फ़ैसला आने वाला है।
इस चुनाव के फ़ैसले से बीजेपी के लिए भी संदेश जाएगा कि दिल्ली में लोगों का मूड क्या है। क्योंकि ये वही दिल्ली है जिसने पुरे देश में मोदी लहर के बीच बीजेपी को सिर्फ तीन सीट दी थी। हालांकि एमसीडी के चुनाव में बीजेपी ने कामयाबी हासिल ज़रुर की थी।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप: सिंधु को करना पड़ा सिल्वर से संतोष, ओकुहारा ने पहली बार जापान के लिए जीता गोल्ड
Source : News Nation Bureau