''आसमान में थूकने वाले को पता नहीं थूक पलट के उसी के मुंह पर गिरेगा'' प्रसिद्ध निर्देशक प्रकाश झा की राजनीति फिल्म का ये डायलॉग वीरेंद्र प्रताप की भूमिका में बोलने वाले मनोज बाजपेयी आज बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेताओं में से एक हैं. पूर्वी चंपारण जिले के बेलवा में राधाकांत वाजपेई को 23 अप्रैल, 1969 के दिन पुत्ररत्न की प्राप्ति हुआ और यह बेटा आगे चलकर बेलवा को भारत के मानचित्र पर एक नया आयाम दिया. मनोज के पिता उनको आईएएस बनाना चाहते थे, लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और ही था. उन्होंने तीन बार एनएसडी में दाखिला लेने की कोशिश की. वहीं, हर बार असफल साबित हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारे आगे उन्होंने बैरी जॉन के साथ रंगमंच किया.
बॉलीवुड में संघर्ष से भरा करियर
मनोज बाजपेयी सबसे पहले दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सीरियल स्वाभिमान से कैरियर आरंभ किया. इस दौरान उनका साथ मिला मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा के साथ रोहित रॉय का जिन्होंने इसी सीरियल से अपनी-अपनी पहचान बनाए. आगे उन्होंने छोटे- छोटे किरदार निभाते रहें. फिर उनको 1998 में रामगोपाल वर्मा की फिल्म सत्या में लीड रोल में मौका मिला फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस फिल्म में उनके अभिनय को काफी प्रशंसा मिली. भीखु म्हात्रे के किरदार के लिए उन्हें कई पुररस्कार मिला. जिसमें सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी शामिल है. आगे मनोज शुल, पिंजर, राजनीति सहित कई फिल्मों में अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीत लिया.
वेब सीरीज में भी डंका बजाया
'गैंस ऑफ वासेपुर', ' द फैमिली मैन', सिर्फ एक बंदा काफी है जैसे वेब सीरीजों में उन्होंने डंका बजाया है. बाजपेयी की प्रतिभा को भारतीय सिनेमा से परे पहचाना गया है. उन्हें एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स और बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल सहित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रशंसा मिली है. फिल्मों के साथ ही उन्होंने सक्रिय रूप से सामाजिक कारणों में भाग लेते हैं और उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित पहलुओं का समर्थन किया है.
HIGHLIGHTS
- बॉलीवुड पर करते हैं राज
- बॉलीवुड में संघर्ष से भरा करियर
- वेब सीरीज में भी डंका बजाया
Source : Pintu Kumar Jha