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भागवत झा 'आजाद': अंग्रेजों के गुस्से को बनाया 'हथियार', ऐसे दिया था गोरों को चकमा

1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भागलपुर के सुल्तानगंज इलाके के कुछ नौजवानों ने दिल्ली से कोलकाता जाने वाली असलहों से लदी एक ट्रेन को लूटने की योजना बनाई. ब्रिटिश पुलिस भी काफी सतर्क थी और उसे इस योजना की जानकारी पहले ही मिल गई.

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Shailendra Shukla
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स्वतंत्रता सेनानी भगवत झा आजाद( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार की धरती से एक और स्वतंत्रता सेनानी ने जन्म लिया था. बाद में ये बिहार के सीएम भी बने थे. इनका नाम वैसे तो भगवत झा था लेकिन अंग्रेजों की आंखों में दिन-दहाड़े धूल झोकने के बाद इनके नाम के साथ आजाद शब्द भी जुड़ गया. बिहार के 22वें सीएम भगवत झा.  बिहार के 22वें सीएम  भगवत झा आजाद का जन्म अविभाजित बिहार के गोड्डा जिले के महगामा इलाके के कसबा गांव में 28 नवंबर 2022 को हुआ था. अब यह गांव झारखंड में पड़ता है. उनकी पढ़ाई लिखाई भागलपुर में हुई और उसी दौरान जब वे एमए  कर रहे थे तभी भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हो गया जिसमें वे कूद पड़े. भारत छोड़ो आंदोलन के कारण उनकी पढ़ाई एक साल के लिए छूट भी गई लेकिन बाद में उन्होंने एमए  किया और कई घटनाओं के बाद बिहार के सीएम बने. वह 14 फरवरी 1988 to 10 मार्च 1989 तक बिहार के सीएम रहे. इसके अलावा वह भागलपुर लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री भी रहे.

  • भगवत झा से भगवत झा आजाद बनने का किस्सा
  • अंग्रेजों के था गुस्सा और झा जी की काम आ गई चतुराई

भगवत झा के नाम के साथ आजाद शब्द जोड़ने का एक दिलचस्प किस्सा है. उनका मूल नाम भगवत झा था मगर उनके नाम के साथ आजाद शब्द जोड़ने का एक दिलचस्प किस्सा है. 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भागलपुर के सुल्तानगंज इलाके के कुछ नौजवानों ने दिल्ली से कोलकाता जाने वाली असलहों से लदी एक ट्रेन को लूटने की योजना बनाई. ब्रिटिश पुलिस भी काफी सतर्क थी और उसे इस योजना की जानकारी पहले ही मिल गई. पुलिस ने मौके पर दबिश देने के साथ वहां मौजूद लड़कों पर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान कई नौजवान घायल हो गए. भगवत झा की भी जांघ में गोली लगी और वे बेहोश होकर गिर गए. आसपास उनके मरने की खबर फैल गई. ब्रिटिश पुलिस घायल नौजवानों को गिरफ्तार करके अस्पताल ले जा रही थी. तय किया गया कि जिन नौजवानों की मौत हो गई है, उन्हें बाद में उठाया जाएगा. लेकिन इसी बीच भगवत को होश आ गया और वे कुछ लोगों की मदद से वहां से रफूचक्कर हो गए. बाकी सभी लोग गिरफ्तार कर लिए गए मगर वे आजाद हो गए और यहीं से उनके नाम के आगे आजाद शब्द जुड़ गया. 

  • स्वतंत्रता संग्राम की लड़ी लड़ाई
  • दामन पर भ्रष्टाचार का दाग नहीं लग पाई
  • बिहार से लेकर दिल्ली तक निभाया अपना फर्ज
  • राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के थे पसंदीदा मंत्री

बिहार में कांग्रेस के जिन बड़े नेताओं के नाम की चर्चा होती है, उनमें एक नाम भगवत झा आजाद का भी है. बिहार के सीएम रहे आजाद ने केंद्रीय राजनीति में भी बड़ी भूमिका निभाई. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे आजाद ने केंद्र में भी कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. लंबे सियासी जीवन के बावजूद उन पर भ्रष्टाचार का दाग कभी नहीं लगा.  पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके अलावा कांग्रेस में कुछ समय के लिए जब इंदिरा गांधी पार्टी की अध्यक्ष बनी थीं तो उनका सचिव आजाद को बनाया गया था. वर्ष 1952 से लेकर छह बार बिहार के भागलपुर संसदीय क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले आजाद ने राज्य से लेकर केंद्र तक की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. 1983 का विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे पूर्व सांसद कीर्ति आजाद भगवत झा आजाद के पुत्र हैं.  

Source : News State Bihar Jharkhand

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