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60 साल के बूढ़े ने 13 साल की किशोरी से की शादी, जानिए-क्या कहता है कानून?

यहां एक 60 साल के बुजुर्ग द्वारा एक 13 साल की किशोरी से शादी की जाती है और शादी लड़की के माता-पिता द्वारा कराया जाता है. यहां ये बात भी देखने को मिली कि पंडित जी भी बेहतरीन तरीके से शादी के मंत्र पढ़ते नजर आ रहे हैं.

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Shailendra Shukla
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बाल विवाह कानून जुर्म है( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)

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दरभंगा जिले से पुलिस को सलाम करने के लिए एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. यहां एक 60 साल के बुजुर्ग द्वारा एक 13 साल की किशोरी से शादी की जाती है और शादी लड़की के माता-पिता द्वारा कराया जाता है. यहां ये बात भी देखने को मिली कि पंडित जी भी बेहतरीन तरीके से शादी के मंत्र पढ़ते नजर आ रहे हैं. हद तो तब हो गई जब दिन-प्रतिदिन अपने द्वारा किए गए कार्यों की सूचना दरभंगा पुलिस द्वारा ट्विटर पर दी जाती है लेकिन अपनी नाकामी की सूचना कभी भी ट्वविटर पर नहीं दी जाती. दरभंगा पुलिस प्रतिदिन ट्वीट करती है खासकर इस बात की जानकारी देती है कि उसने आज क्या खुलासा किया, कितने अपराधियों को पकड़ा लेकिन एक किशोरी की जिंदगी बर्बाद हो जाती है और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती.

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सामाज के ठेकेदार भी नहीं आए सामने

दरभंगा जिले में 13 साल की नाबालिग बच्ची की शादी 60 साल के बुजुर्ग के साथ कराए जाने का मामला सामने आया है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इन तस्वीरों ने आज पूरे समाज को शर्मसार कर दिया है. शादी जैसे पवित्र बंधन को दागदार कर दिया है. 13 साल की उम्र में शायद शाद, का मतलब भी बच्चे नहीं जानते. उस उम्र इस लड़की के पैरों में शादी की बेड़ियां कसी गई. जबरदस्ती बच्ची की शादी भी 60 साल के बुजुर्ग के साथ की गई है. बच्ची के मां-बाप ने ही उसे इस दलदल में धकेला है. यहां सबसे बड़ी देखनेवाली बात ये सामने आई है कि अबतक मामले में ना तो चाइल्ड लाइन एक्टिव हुआ, ना तथाकथित एनजीओ एक्टिव हुए, ना ही तथाकथित समाजसेवी ही अभी तक इस मामले में सामने आया है.

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जबरदस्ती हो गई शादी,  किशोरी लगाती रही गुहार

इस दौरान नाबालिग बार-बार गुहार लगाती रही. मां-बाप से मिन्नतें करती रही. कहती रही कि मुझे बचा लो, नहीं करनी ऐसी शादी, लेकिन नाबालिग को जबरदस्ती बिठाकर शादी कराई जा गई. लड़की के विरोध का कोई असर नहीं हुआ. वीडियो में रोती बिलखती मासूम की मांग में एक 60 साल का बुजुर्ग सिंदूर डाल रहा है. दरभंगा के कुशेश्वरस्थान के एक मंदिर में ये पाप किया गया है.  वहीं, कुशेश्वरस्थान प्रखंड के मधुबन पंचायत के मुखिया अविनाश कुमार आजाद ने इस बेमेल विवाह की पुष्टि करते हुए कहा कि ये शादी गुपचुप तरीके से की गई है और इसकी भनक ग्रामीणों को नहीं लगने दी गई.

ये भी पढ़ें-दरभंगा में 13 साल की बच्ची की 60 साल के बुजुर्ग से शादी, मां-बाप ने की कर दी जिंदगी बर्बाद

 

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नाबालिग बच्चियों की शादी कराना है गुनाह

भारत में वैसे तो लड़कियों को देवी के रूप में पूजा जाता है लेकिन आज भी सामाजिक कुरीतियां फैली हुई हैं और बाल  विवाह के कई बार मामले सामने आते रहे हैं. कानूनन 18 साल से कम लड़के या लड़की की शादी करना या कराना दोनों ही गुनाह है. इसमें 02 वर्ष से लेकर आजीवन तक की सजा का प्रावधान है. इतना ही नहीं शादी में शामिल होने वाले बरातियों व पुरोहित के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. बाल विवाह के खिलाफ तमाम सामाजिक संगठन हैं जो अपनी भूमिका अदा करते रहते हैं. इसके अलावा न्यायालय भी बाल विवाह के मामले को गंभीरता से लेता है व दोषियों के खिलाफ अधिकतम सजा सुनाता है.

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बाल विवाह के खिलाफ क्या कहता है कानून?

बाल विवाह के खिलाफ कानून बेहद ही कड़े बनाए गए हैं. बाल विवाह के मामले में बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के साथ-साथ आईपीसी, सीआरपीसी व पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. कानूनन बाराती, पंडित, पति व दोनों पक्षों के माता-पिता के खिलाफ भी कार्रवा का प्रावधान है. बाल विवाह पर रोक संबंधी कानून सबसे पहले वर्ष 1929 में लागू किया गया था. बाद में कई बार कानून में संसोधन हुए. सन् 1949, 1978 और 2006 में इसमें संशोधन किए गए. मौजूदा समय में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी प्रक्रिया की जाती है. अधिनियम में वर्णित विदुंओं के मुताबिक, लड़कियों के लिए कम सम कम आयु 18 वर्ष तथा लड़कों के लिए कम से कम 21 वर्ष शादी के लिए निर्धारित की गई है.

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शून्य होना चाहिए विवाह

मौजूदा मामले में जिस 60 वर्षीय शख्स के द्वारा बच्ची के साथ शादी की गई है उसे व लड़की के माता-पिता को मामले में मुख्य अभिय़ुक्त बनाकर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं, बारात में यदि लोग शामिल हुए हैं तो उन्हें व शादी के मंत्र, पूजा करने वाले पंडित को सहअभियुक्त बनाकर मुकदमा दर्ज करके सक्षम न्यायालय में पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल की जानी चाहिए. इसके अलावा बाल-विवाहों का शून्य घोषित होना चाहिए यानि कि उसे मान्यता नहीं मिलनी चाहिए. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 13 के अधीन जारी किए गए व्यादेशों के उल्लंघन में, चाहे वह अंतरिम हो या अंतिम, अनुष्ठापित किया गया कोई बाल-विवाह शुरू से ही शून्य होगा. इसके अलावा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1974 -(1974 का 2) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होगा.

HIGHLIGHTS

  • दरभंगा पुलिस नहीं करती कानून का पालन
  • बाल विवाह का वीडियो वायरल होने पर नहीं की कार्रवाई
  • 60 साल के बूढ़े व्यक्ति ने 13 साल की किशोरी से की शादी
  • कुशेश्वरस्थान प्रखंड के मधुबन पंचायत का मामला
  • चाइल्ड लाइन, एनजीओ ने भी मूंद रखी हैं आंखें

Source : News State Bihar Jharkhand

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