नागालैंड में JDU को बड़ा झटका लगा है. नागालैंड में JDU के एक मात्र विधायक ने बीजेपी को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. जिसके बाद नागालैंड JDU ने अपनी प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि नीतीश कुमार के चेहरे पर उनके उम्मीदवार की जीत हुई थी, लेकिन उनके विधायक ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया जो सिद्धांत के खिलाफ है. वहीं, समर्थन देने के फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को देखते हुए राजनीतिक दलों ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है.
BJP ने कसा तंज
अरविंद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को देखते हुए अनेक राजनीतिक दलों ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है. जदयू द्वारा अपनी प्रदेश कमेटी भंग करने पर उन्होंने कहा कि यह वही बात हुई कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे. जदयू के लोग खुद पार्टी छोड़कर बाहर निकल रहे हैं. बीजेपी की नीति को देखते हुए यह लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं.
पूरे संगठन को ही किया बर्खास्त
वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नागालैंड में विधायक के द्वारा बीजेपी को समर्थन देने के मामले पर साफ कर दिया कि ये घोर निंदनीय है, पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. यही वजह है कि जनता दल नेटवर्क ने फैसला लिया कि नागालैंड वाले मामले पर तुरंत पूरे संगठन को ही बर्खास्त कर दिया गया है. ललन सिंह ने कहा की बिना हम लोगों के सहमति के नागालैंड के प्रदेश अध्यक्ष एव जीते हुए विधायक ने अपना समर्थन बीजेपी को दिया जो घोर अनुशासनहीनता है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का साफ मानना है की हम बीजेपी के समर्थन नहीं करेंगे. इस के पहले भी दूसरे जगह हमारे जीते हुए विधायकों को बीजेपी ने शामिल करा लिया था. मणिपुर और अरुणाचल में भी किये.
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उपेंद्र कुशवाहा ने साधा निशाना
वहीं, JDU को मिले झटके के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि "चौबे गए छब्बे बनने, (दूबे नहीं) डूबे बनकर आए". ये लोग राष्ट्रीय पार्टी बनवा रहे थे, पूरी इकाई हाथ से गई. इन लोगों ने कहीं का नहीं छोड़ा आपको, बड़े भाई नीतीश कुमार जी !
कांग्रेस की JDU को सलाह
वहीं, इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में जब भी बीजेपी को बहुमत के लिए विधायक की जरूरत होती है तो छोटे दलों के विधायकों को तोड़ती है. वैसे भी जदयू का कोई बड़ा जनाधार नागालैंड या पूर्वोत्तर राज्यों में नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता ने जदयू को सलाह दी कि जदयू का राजनीतिक वजूद बिहार में है. बिहार में पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है. वैसे भी बीजेपी का यह शुरू से इतिहास रहा है कि छोटे दलों के विधायकों को तोड़कर वह अपने साथ करती है इसमें कोई नई बात नहीं है.
नागालैंड में JDU के साथ खेला
एकमात्र JDU विधायक का सरकार को समर्थन
NPP-BJP गठबंधन को सौंपा समर्थन पत्र
नीतीश कुमार की सहमति के बिना दिया समर्थन
विधायक के समर्थन से JDU शीर्ष नेतृत्व में हंगामा
मामले में JDU केंद्रीय कमेटी की बड़ी कार्रवाई
JDU ने समर्थन को बताया 'उच्च अनुशासनहीनता'
'मनमाना फैसला' बताते हुए भंग की नागालैंड इकाई
राज्य में JDU को सिर्फ एक सीट पर मिली थी सफलता
त्सेमिन्यु विधानसभा सीट से जीते थे JDU के ज्वेंगा सेब
JDU ने नागालैंड में कुल 8 सीटों पर लड़ा था चुनाव
HIGHLIGHTS
- एकमात्र JDU विधायक का सरकार को समर्थन
- NPP-BJP गठबंधन को सौंपा समर्थन पत्र
- नीतीश कुमार की सहमति के बिना दिया समर्थन
- विधायक के समर्थन से JDU शीर्ष नेतृत्व में हंगामा
Source : News State Bihar Jharkhand