Bihar Police Bharti: बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. जिसके अनुसार बिहार के पूर्व डीजीपी और केंद्रीय चयन पर्षद के तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल ने पेपर लीक मामले में प्रिंटिंग प्रेस के मालिक से मोटी रकम वसूली है. ईओयू ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि एक कमरे में चलने वाली प्रिंटिंग प्रेस से 10 फीसदी कमीशन लिया गया और उन्हें सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र छापने को दे दिया गया. इसके लिए किसी प्रकार का कोई फिजिकल वैरिफिकेशन भी नहीं किया गया. अब इस मामले में एसके सिंघल से पूछताछ की जा रही है. यह परीक्षा 1 अक्टूब, 2023 को ली गई थी.
बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
जिसमें 21 हजार पदों पर भर्तियां जारी की गई थी, लेकिन एग्जाम के शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. एग्जाम का पेपर इंटरनेट पर वायरल हो गया. जिसके बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. वहीं, 31 अक्टूबर को पेपर लीक मामले की जांच की जिम्मेदारी ईओयू को सौंपी गई थी. इसके लिए तत्कालीन डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो की अगुवाई में 22 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया गया था. मामले में जांच के दौरान कई साक्ष्य हाथ लगे हैं और अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. साथ ही ब्लेसिंग सेक्सयोग के निदेशक कौशिक कर और कालटेक्स के निदेशक सौरभ बंदोपाध्याय ने भी अपने बयान में इसे स्वीकार किया है कि 2022 में मद्यनिषेध सिपाही भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था.
यह भी पढ़ें- नालंदा में गिरफ्तारी के बाद JDU के इस नेता को पार्टी से किया गया बर्खास्त, जानिए क्या है मामला
पूर्व डीजीपी ने लिया था 10 फीसदी कमीशन
बता दें कि ईओयू की टीम 8 अप्रैल को सिंघल से पहली बार पूछताछ के लिए उनके घर पहुंची थी, जहां स्वास्थ्य का हवाल देकर उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उनसे 44 प्रश्न पूछे गए थे, जिनका उन्होंने जवाब तो दिया लेकिए ईओयू उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. एक बार फिर से सिंघल से सवाल किया गया है. अब देखना यह है कि इस पर उनका क्या जवाब आता है.